जल ग्रहण वाले गांवों में ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने की पहल


 कृषि आधारित रोजगार व्यवसाय को मिलेगा बढ़ावा
 परियोजना लागत की 10 फीसद राशि का हो सकेगा उपयोग


रायपुर, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने वैश्विक महामारी नोवेल कोरोना संक्रमण के मद्देनजर राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीणों को आजीविका मूलक गतिविधियों से जोड़ने और उन्हें स्थानीय स्तर पर ही जीवन यापन का बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा है कि कोरोना संक्रमण के चलते शहरी इलाकों में रोजगार-व्यवसाय की स्थिति प्रभावित हुई हैं। इसको देखते हुए यह जरूरी हो गया है कि गांव में ही लोगों को आजीविका के साधन उपलब्ध कराए जाएं ताकि उन्हें रोजगार-व्यवसाय के लिए अन्यत्र जाने की जरूरत ना पड़े। 
मुख्यमंत्री ने सुराजी गांव योजना नरवा, गरुवा, घुरवा, बाड़ी के तहत गौठानों को आजीविका केंद्र के रूप में विकसित करने के साथ ही शासन की अन्य योजनाओं के माध्यम से भी गांवों में आय मूलक जीविकोपार्जन की गतिविधियों को बढ़ावा देने की बात कही है। मुख्यमंत्री ने जल ग्रहण मिशन के गांवों में भी ग्रामीणों को स्वावलंबी बनाने हेतु कृषि आधारित व्यवसाय को बढ़ावा देने को कहा है उन्होंने जलग्रहण मिशन परियोजना के गांव में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से परियोजना मद की 10 प्रतिशत राशि को मत्स्यपालन, उद्यानिकी, कृषि, पशुपालन, सूक्ष्म उद्यम, कृषि आधारित प्रसंस्करण इकाई की स्थापना, मूल्य संवर्धन आदि पर व्यय करने को कहा है। 
मुख्यमंत्री श्री बघेल के निर्देश के परिपालन में कृषि मंत्री श्री रविंद्र चौबे के मार्गदर्शन में कृषि विभाग ने एकीकृत जल ग्रहण परियोजना क्षेत्रों के गांवों में आजीविका की गतिविधियों को बढ़ावा देने की कार्य योजना तैयार करने में जुट गया है। परियोजना के गांव में कृषि आधारित जीविकोपार्जन के कार्य जैसे मछलीपालन, उद्यानिकी, उन्नत तकनीक से नगदी फसलों की खेती, दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा, कृषि उत्पाद के प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन जैसी गतिविधियों को इस कार्य योजना में शामिल किया जाएगा। शासन की अन्य योजनाओं जैसे मनरेगा, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, राष्ट्रीय खाद्य मिशन आदि के अभिकरण से होने वाले कार्य भी इसमें प्राथमिकता से शामिल किए जाएंगे। संचालक कृषि एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी छत्तीसगढ़ राज्य जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन एजेंसी श्री टामन सिंह सोनवानी ने सभी कलेक्टरों को वर्ष 2011-12 एवं वर्ष 2012-13 में स्वीकृत एकीकृत जलग्रहण मिशन परियोजना क्षेत्रों में आजीविका मूलक गतिविधियों को बढ़ावा देने हेतु वार्षिक कार्य योजना तैयार करने तथा इसे एक सप्ताह के भीतर राज्य कार्यालय को भिजवाने को कहा है।

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