विद्युत के मामले में संवेदनशील मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का सुशासन
रायपुर/05 जून 2020। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता एम.ए.इकबाल ने बिजली बंद होने की स्थिति में क्षतिपूर्ति देने वाला देश का पहला राज्य बनने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बधाई दी।
छत्तीसगढ़ नियामक आयोग के मानकों के अनुसार 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरी क्षेत्रों में अप्रैल से जून की अवधि में 10 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 20 घंटे बिजली बंद होने की स्थिति में ₹50 प्रतिदिन के हिसाब से उपभोक्ताओं को क्षतिपूर्ति देने का प्रावधान किया है। वहीं जुलाई से मार्च की अवधि में शहरों में 6 घंटे तथा गांव में 20 घंटे बिजली बंद होने पर छात्रवृत्ति प्रदान किए गए हैं, सन 2006 में नियामक आयोग में यह प्रावधान था परंतु 15 वर्ष के कुशासन, कमीशनखोरी के चक्कर में भाजपा जनता की सुविधाओं को भूल गई थी।
प्रवक्ता एम.ए. इकबाल ने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री जिनके पास ऊर्जा विद्युत विभाग था उस समय उन्होंने ना तो बिजली बिल हाफ़ किया, ना तो विद्युत दर को बढ़ने से रोका, उद्योगों को राहत दी, ना अस्पताल- राइस मिलो की दरों में कमी की, ना सरचार्ज कम किया एवं सुविधा जो जनता को मिलनी चाहिए नहीं दी, बल्कि गलत बयानबाजी करते रहे कि बिजली बिल हाफ तो नहीं हुआ, बिजली हाफ हो गई। यह बिल्कुल बेबुनियाद, बेतुका बयान था। प्रवक्ता एम.ए. इकबाल ने आगे कहा कि जब से भूपेश बघेल की सरकार आई है, तब से अपने अल्प समय में किसान, गरीब और मजदूर वर्ग की तरफ चिंतन कर उनकी भलाई के लिए निरंतर प्रयास किया है और उसी दिशा में सकारात्मक सोच रखते हुए विभाग के कार्यों में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से यह प्रावधान लाये गये हैं। विद्युत कटौती पर क्षतिपूर्ति का प्रावधान कर भाजपा नेताओं को करारा जवाब दिया गया है।