कोरोना वायरस के कहर से बड़े बड़े देश घुटनो पर आ गए है यह दो सौ से अधिक देशों में अपना पांव पसार चुका है. संक्रमित मरीज में सामान्य फ्लू की लक्षण की तरह दिखने वाला कोरोना वायरस धीरे-धीरे शरीर के लिए काफी घातक साबित होने लगता है. मरीज को इससे सर्दी-जुकाम के साथ-साथ गले में खराश और सांस लेने में दिक्कतें आने लगती हैं. जानकारों की मानें तो यह वायरस हमारे फेफड़ों को खासा प्रभावित करता है. एक नए अध्ययन से यह भी मालूम चला है कि यह वायरस मरीज के दिल को काफी अधिक प्रभावित कर रहा है.
एक शोध में पता चला हैं कि ये वायरस सिर्फ फेफड़ों को ही नहीं बल्कि हमारे दिल को भी बहुत बुरी तरह प्रभावित कर रहा है. ऐसे में जो पहले से दिल के मरीज है उनके लिए यह वायरस काफी घातक साबित सकता है. एक अध्ययन से पता चला है कि डायबिटीज के मरीज भी इस वायरस से काफी प्रभावित हो रहे है. ऐसे में कई मामलों में पाया गया है कि यह वायरस शरीर के कमजोर पार्ट को और नुकसान पहुंचाता है. भारत में फिलहाल हर पांच व्यति के मामलों में एक व्यति के दिल को यह वायरस बुरी तरह प्रभावित कर रहा है.
30 प्रतिशत मरीजों में पाया गया है कि यह वायरस हर्ट के फंक्शनिंग को प्रभावित कर देता है जिससे हृदय की गति कम हो जाती है. हर्ट की गति इसकी पंपिंग पर ही निर्भर करती है. ऐसे केस में अक्सर देखा जा रहा है कि ऐसी स्थिति में मरीज की अचानक मौत हो जा रही है.
इन हालातों को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि कोरोना संक्रमित मरीजों के दिल की सही देखभाल सबसे पहले जरूरी है वरना हर्ट अटैक की संभावना बढ़ सकती है.
कैसे अपना दिल करें मजबूत
तले-भूने चीजों को नही खाएं यह बॉडी में वेस्ट कॉलेस्ट्रॉल बढ़ाता है जो मोटापा का कारण बन सकता है
मोटापा बढ़ने से उच्च रक्तचाप होने का खतरा बढ़ जाता है जो शरर में कई बीमारियों को बढ़ा सकता है
कोशिश करें की अपने भोजन में ज्यादा से ज्यादा फाइबर वाले आहार शामिल करें. जैसे दाल, अनाज, कई तरह की सब्जियां, दलिया सूखे मेवे समेत कई तरह के फल को शामिल कर सकते है
भोजन को हमेशा ताजा ही खाने की कोशिश करें और उपर से नमक बिल्कुल न लें. यह रक्तचाप को बढ़ा देता है.
तेल तेलीय पदार्थ और दूध से बने वस्तुओं का उपयोग बिल्कुल ही कम कर दें क्योंकि ये सभी आपके कॉलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है. जिंदा मछली, अंडा (पिला भाग हटाकर) और मुर्गा का सेवन सही अर्थात कम मात्रा में करने से हर्ट स्वस्थ्य रहता है.
आयुर्वेद एवम योग से रखे दिल को सेहतमंद
सूर्योदय से पहले उठें
आयुर्वेद में ऐसा माना गया है कि सूर्योदय से पहले उठने वाले एवम आधे घण्टे योग या व्ययाम करनेवाले को हृदय रोग नहीं होता. वहीं, प्रतिदिन सुबह में सन बाथ करने से शरीर के अंदर मौजूद कोलेस्ट्रॉल विटामिन डी में बदल जाता है. सूर्य की सुबह की किरणें कई मामले में हमारे शरीर के लिए लाभकारी है. इससे हमारी हड्डियां भी मजबूत होती हैं.
नियमित करे हल्दी का सेवन
आयुर्वेद के अनुसार स्वस्थ्य दिल के लिए हल्दी का सेवन बेहद जरूरी है. प्रतिदिन 500 मिलीग्राम हल्दी खाने से हमारे शरीर में खून का थक्का नहीं बनता है याद रखे हल्दी में बिशेष गन है एवम ये प्राकृतिक एंटीबायोटिक है । जिससे हर्ट समेत शरीर के बहुत से अंगों को काफी लाभ मिलता है. अर्जुनारिष्ट का दोपहर एवम शाम को खाने ले बाद पिये या अर्जुन पेड़ की छाल का काढ़ा भी हर्ट के लिए बहुत ही लाभदायक है ।
हर्रे का नियमित करे प्रयोग
हर्रे/हरितकी/हरड़ को आयुर्वेद में पत्थ्य कहा जाता है. इसे पालन के समान बताया गया है जो हमारे शरीर की तमाम गड़बड़ियों को ठीक करती है. इसके नियमित सेवन से शरीर के अंदर की गंदगी साफ होती रहती है जो हमें कई तरह की बीमारियों से दूर रखने में मददगार साबित होता है.
दम फूलने पर आयुर्वेद की दवा करती है तुरंत काम
नियमित हल्दी वाली गाय की दूध के साथ लक्ष्मी विलास रस सर्दी के लिए संसमनी वटी बुखार कर लिए गले के खरास के लिए हल्दी नमक मिलाकर गार्गल करने से नाको के दोनों हस्यो में सरसो / नारियल / षडबिन्दु तेल की दो बूंद डालने पर , प्रतिदिन एक अश्वगंधा की गोली का सेवन प्रतिदिन प्राकृतिक विटामिन सी वाली फलो का सेवन करने से एवम प्रतिदिन एक चम्मच च्वनप्राश, आंवला का चूर्ण या एक ग्लास नींबू पानी का सेवन करने से शरीर कोरोना वायरस के खिलाफ शरीर के अच्छे वायरस खुद लड़कर क्रोना को नष्ट कर देगा ।
अगर आपको दम फूलने की शिकायत हो तो आप श्वास कुठार रस की दो गोली ले सकते है ये बहुत ही जल्द असर करती है । दालचीनी का प्रयोग हमेशा करे ये आपके ह्रदय के लिए बहुत ही लाभकारी है ।
गाय का दूध ही लाभकारी
दूध से बनी बस्तुओं को छोड़ दे लेकिन ध्यान दे आयुर्वेद में केवल गाय के दूध को ही हल्का, सुपाच्य, हृदय को बल देने वाला और बुद्धिवर्धक माना गया है. बड़े बच्चे एवम बड़े युवक एवम बुजुर्गों के लिये गाय के दूध और दूध मुहे बच्चों के लिए मां के दूध में सर्वोत्तम है । गाय के दूध एवम माँ के दूध में काफी समानताएं हैं.
डॉ अम्बिका सिंह
सीनियर मेडिकल ऑफिसर (आयुर्वेद विभाग )
ईएसआईसी मॉडल अस्पताल
श्रम एवम रोजगार मंत्रालय
भारत सरकार