गायों के चारों का पैसा खाने वाले उठा रहे गोधन न्याय योजना पर सवाल – कांग्रेस
रायपुर/ 27 जुलाई 2020। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता मोहम्मद असलम ने बृजमोहन अग्रवाल के बिलासपुर जिले के तखतपुर विकासखंड के ग्राम मेंड़ापार में गायों की मौत को गौ हत्या बताने के बयान पर पलटवार करते हुए उन्हें नसीहत दी है और याद दिलाया है कि डॉ रमन सिंह के शासनकाल एवं उनके कृषि एवं पशुपालन मंत्री रहते हुए उन्हें सदैव दुर्ग एवं बेमेतरा जिले में वर्ष 2017 में 300 गायों की भूख से मौत के मंजर को याद रखना चाहिए। बिलासपुर जिले में हुई गायों की दुर्भाग्यजनक मौत के पश्चात बृजमोहन अग्रवाल स्तरहीन राजनीति कर रहे हैं और वह भूल चुके हैं कि जब डॉक्टर रमन सिंह की सरकार में कृषि एवं पशुपालन मंत्री रहते हुए दुर्ग और बेमेतरा जिले की गौशालाओं में पशुओं के चारों के पैसों को डकारने की वजह से 300 गायों की मौतें हुई थी। गायों की मौत के बाद तथाकथित भाजपा नेता एवं गौशाला संचालक द्वारा मृत गायों के खाल, मांस, हड्डी आदि बेचकर सरकार की नाक के नीचे गोवंश की हत्या के पश्चात उसे आमदनी का जरिया बनाया हुआ था, उसे भाजपा के शीर्ष नेता क्या भूल चुके हैं? जिस तरह का कृत्य माह अगस्त वर्ष 2017 में भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के कार्यकाल में हुआ वह छत्तीसगढ़ के इतिहास में शर्मनाक रहा है। अब जब भूपेश बघेल की सरकार में गांव, गरीब, गाय और गोबर को सम्मान दिया जा रहा है और उनके साथ न्याय हो रहा है तब इन्हें क्यों पीड़ा हो रही है, क्या यह लोग गोधन न्याय योजना को अन्याय बताकर किसानों और नागरिकों को अपमानित नहीं कर रहे हैं? भाजपा के नेताओं ने डॉ रमन सिंह के 15 वर्ष के कार्यकाल में गाय का कभी सम्मान नहीं किया और ना ही गोवंश को भोजन प्रदान करना तथा उनकी देखभाल करना उनका कभी उद्देश्य रहा है। केवल गायों के नाम से शासन से आर्थिक मदद लेना एवं शोषण करना मुख्य मकसद था।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता मोहम्मद असलम ने कहा है कि वर्ष 2017 में डॉ रमन सिंह ने अपने बयान में कहा था कि गोवध करने वालों को लटका दिया जाएगा लेकिन दुर्ग जिला के धमधा ब्लाक के राजपुर ग्राम स्थित शगुन गौशाला, बेमेतरा जिले की साजा विकासखंड के ग्राम गोडमर्रा के फूलचंद गौशाला और रानों गांव के मयूरी गौशाला में हुई गायों की मौत पर वह चुप्पी साधे रहे, क्योंकि आरोपी गौशाला संचालक भाजपा का वरिष्ठ नेता था।आज डॉक्टर रमन सिंह और बृजमोहन अग्रवाल जब भूपेश बघेल की सरकार किसानों के साथ न्याय कर रही है और उनके जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए प्रयत्नशील है, तब किसान विरोधी के तौर पर किसान विरोधी बन कर सरकार की योजनाओं पर सवाल उठा रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता मोहम्मद असलम ने कहा है कि रोका- छेका योजना और गोधन न्याय योजना को किसानों और ग्रामीणों ने हाथों-हाथ लिया है। बघेल सरकार ने सब कुछ अधिकार ग्रामीणों, पंचायतों और स्थानीय लोगों को दिया है और जिम्मेदारी प्रदान की गई है। गायों की सुरक्षा, गोबर का संकलन एवं खरीददारी, गायों की देखभाल आदि सभी व्यवस्था स्थानीय स्तर पर धरातल में संचालित है। भाजपा के शासन काल की तरह ना धरातल पर प्रशासनिक आतंक है और ना ही भ्रष्टाचार है। जिस तरह की अव्यवस्था गौशालाओं को अनुदान देने के पश्चात तत्कालीन डॉ रमन सिंह की सरकार में देखने को मिलती थी, अब वैसा कुछ नहीं है। इससे भाजपा बौखला गई है एवं मुद्दा हीन हो गई है और उन्हें लगने लगा है कि गाय का मुद्दा भी उनके हाथ से निकल गया है।