रायगढ़, कोरोना वायरस से फैले महामारी ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। लोग अपने घरों में सिमटकर रह रहे है। उद्योग, धंधे बंद पड़े है, केवल जरूरी कामकाज की ही अनुमति है। इससे अर्थव्यवस्था पर भी काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य जहां 75 प्रतिशत से अधिक की आबादी गांव में निवास करती है।
इनके लिए रोजगार के मौके बनाना तथा इस कठिन समय में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आधार देने तथा ग्रामीणों के लिए रोजगार के मौके बनाने में मनरेगा महती भूमिका निभा रहा है। शासन इसके लिए विशेष प्रयास कर रही है। यह इसलिए भी और महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि गांवों से शहरों में काम करने गये लोग वापस लौट रहे है। जहां उन्हें रोजगार दिया जाना भी आवश्यक है। सरकार के प्रयासों से लोगों को अपने घर के पास काम मिल रहा है और स्थायी परिसंपत्तियों का निर्माण भी किया जा रहा है। मनरेगा में काम के दायरे को बढ़ाते हुए शासन अन्य विभागों जहां मानव श्रम की आवश्यकता हो उसे मनरेगा से संबद्ध कर अधिक से अधिक लोगों को इसमें जोडऩे के लिए विशेष जोर दे रही है।
इस परिस्थिति को यदि अर्थव्यवस्था के व्यवहारिक सिद्धांतों के अनुसार देखे जिसके अनुसार मांग और आपूर्ति की बढ़ी भूमिका होती है और मांग के अनुसार आपूर्ति बनी रही तो अर्थव्यवस्था में संतुलन रहता है।
लॉक डाउन के बीच ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पटरी पर बनाये रखने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार मनरेगा के माध्यम से लोगों को काम उपलब्ध करवा रही है। जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों में व्यक्तिमूलक डबरी, कुँआ, भूमि सुधार, मेढ़ बंधान, तालाब निर्माण, पशु शेड निर्माण, गौठान निर्माण, चारागाह निर्माण, शासकीय भूमि पर वृक्षारोपण कार्य, व्यक्तिमूलक फलदार वृक्षारोपण, आंगनबाड़ी भवन निर्माण, हितग्राही के लिए बकरी शेड, मुर्गी शेड, महिला समूह के माध्यम से नर्सरी में पौध निर्माण, शासकीय नर्सरी में पौध निर्माण, सिंचाई नाली निर्माण, गांव से पानी निकालने हेतु नाली निर्माण, बोल्डर डेम, चेक डेम, गेबियन निर्माण, महिला समूह के लिए वर्क शेड इत्यादि कार्य किया जा रहा है। इन कार्यो में संलग्न लोगों को आमदनी तो हो ही रही है इसके साथ अन्य लोगों के लिए रोजगार के नये अवसर पैदा हो रहे है। इसे यदि मांग और आपूर्ति के नियम के आधार पर आंके तो लोगों को काम की आवश्यकता है और उन्हें रोजगार मिल रहा है। वहीं सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के मौके बढ़ाने के लक्ष्य की पूर्ति भी हो रही है। इस लिहाज से लॉक डाउन में सरकार और ग्रामीणजन दोनों की मांग के अनुसार आपूर्ति कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था में संतुलन बनाया जा रहा है।
रायगढ़ जिले में आंकड़ो पर यदि गौर करें तो अभी 9 विकासखण्डों के 770 ग्राम पंचायतों में 20,007 कार्य प्रगतिशील है। जिसमें 15 मई की स्थिति में 98 हजार 328 लोगों को काम मिला। अप्रैल माह से अब तक के आंकड़े को देखे तो कुल 6 लाख 43 हजार 179 मानव श्रम दिवस सृजित हुए जिसके विरूद्ध 12 करोड़ 22 लाख 4 हजार की राशि का भुगतान श्रमिकों को हो रहा है। मनरेगा के तहत विभिन्न विभागों में चल रहे कार्यों के अंतर्गत ग्राम पंचायत में 94 हजार 402, वन विभाग में 2403, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में 733, उद्यानिकी में 279, शौचालय निर्माण में 244, कृषि विभाग में 156 तथा जल संसाधन विभाग में 111 श्रमिक कार्य कर रहे है।