मुख्यमंत्री की पहल पर छत्तीसगढ़ राज्य ने तैयार की इकोरेस्टोरेशन पॉलिसी

राज्य में जल्द लागू होगी यह पॉलिसी

छत्तीसगढ़ होगा देश का दूसरा राज्य

‘क्लाइमेट रेसिलिएंट छत्तीसगढ़ हरित और सशक्त भविष्य की ओर’ विषय पर आयोजित कार्यशाला में वन मंत्री और वित्त मंत्री हुए शामिल

रायपुर 26 नवंबर 2024/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर राज्य में जल्द इकोरेस्टोरेशन पॉलिसी लागू की जाएगी। वन विभाग द्वारा इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। छत्तीसगढ़ देश का दूसरा राज्य होगा, जहां इकोरेस्टोरेशन पॉलिसी लागू होगी। अभी तक देश के एक मात्र राज्य केरल में यह पॉलिसी लागू है। इस पॉलिसी के लागू होने से राज्य में वनों का संवर्धन, जल स्त्रोतों का संरक्षण, मिट्टी का कटाव रोकने के साथ ही जैव विविधता को बढ़ावा मिलेगा।

यह जानकारी वनमंत्री श्री केदार कश्यप एवं वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी ने आज नया रायपुर के मेफेयर में ‘क्लाइमेट रेसिलिएंट छत्तीसगढ़ हरित और सशक्त भविष्य की ओर’ विषय पर आयोजित कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए दी। यह कार्यशाला छत्तीसगढ़ राज्य जलवायु परिवर्तन केंद्र एवं सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई थी। इस कार्यशाला का उद्देश्य छत्तीसगढ़ और पूर्वी राज्यों में जलवायु अनुकूलता और लो कार्बन आधारित विकास को बढ़ावा देने के लिए ज्ञान साझा करना और विभिन्न हितधारकों के बीच संवाद स्थापित करना था।

कार्यक्रम में वन मंत्री श्री केदार कश्यप और वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी ने जलवायु परिवर्तन के गंभीर प्रभावों और उससे निपटने के महत्व पर चर्चा की। वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि ‘जनजाति समुदाय सदैव जल, जंगल, और जमीन का संरक्षक रहा है। उन्होंने 1910 के भूमकाल आंदोलन का उल्लेख करते हुए जनजातीय समाज ने अंग्रेजों से अपने प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा के लिए संघर्ष किया। श्री कश्यप ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण हमारी सरकार के सतत विकास लक्ष्यों का अभिन्न हिस्सा है।

वित्त मंत्री श्री चौधरी ने अपने संबोधन में छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक परंपराओं को पर्यावरण संरक्षण के आदर्श उदाहरणों के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने कैलाश पर्वत और भगवान शिव-पार्वती, गणेश और कार्तिकेय के साथ उनके वाहन नंदी, बाघ, मूषक और मोर सबके एक साथ रहने के उदाहरण देते हुए सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व की महत्ता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, ‘जलवायु परिवर्तन केवल चर्चा का विषय नहीं है; यह हमारे राज्य और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित करने का माध्यम है।’ उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने ग्रीन इकॉनमी को बढ़ावा देने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं। श्री चौधरी ने ग्रीन इकॉनमी, बायोफ्यूल, और सोलर एनर्जी पर विशेष जोर देते हुए युवाओं को पर्यावरण नवाचारों और हरित निवेश में भागीदारी का आह्वान किया।

कार्यक्रम के दौरान छत्तीसगढ़ वन विभाग के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक अरुण कुमार पांडे ने कहा कि राज्य सरकार ने क्लाइमेट स्टूडियो की स्थापना को स्वीकृति दी है। उन्होंने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए नेटिव स्पीशीज के पौधों के रोपण, वन क्षेत्रों के विकास और वेटलैंड संरक्षण की योजनाओं पर जोर दिया। कार्यक्रम में राज्य और राष्ट्रीय स्तर के पर्यावरणविद, शिक्षाविद और नीति-निर्माताओं ने व्यापक चर्चा की।

इस कार्यशाला में पर्यावरण और सामाजिक कार्यकर्ता प्रभात मिश्रा, सीड के डायरेक्टर डॉ. मनीष राम, क्रेडा के अभिषेक शुक्ला, झारखंड वन विभाग के रवि रंजन, पश्चिम बंगाल सरकार के चीफ एनवायरनमेंट ऑफिसर धर्मदेव राय, ठाकुर प्यारेलाल इंस्टीट्यूट निमोरा के डायरेक्टर पी. सी. मिश्रा, छत्तीसगढ़ राज्य जलवायु परिवर्तन केंद्र के प्रोजेक्ट साइंटिस्ट डॉ. अनिल श्रीवास्तव, चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के चेयरमैन प्रदीप टंडन, आईआईएम रायपुर के डॉ. राहुल बी. हीरेमथ, पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर निनाद बोधनकर, सीजी कास्ट के साइंटिस्ट और कलिंगा विश्वविद्यालय के डॉ. मनोज सिंह सहित कई विशेषज्ञ उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *