किसानों, मछुआरों और पशुपालकों की बेहतरी की दिशा में क्रांतिकारी कदम उठाए गए: भाजपा
केंद्र सरकार अपने इन प्रावधानों से किसानों की आय दुगुनी करने में जुटी है: सुनील सोनी
रोजगार और आय में इजाफे के साथ ही किसानों के उत्पादों की मार्केटिंग व ब्रांडिंग के नए अवसर बढ़ेंगे: विजय बघेल
जरूरी सामान की आपूर्ति कानून-1955 में बदलाव से किसानों को अंतरराज्यीय व्यापार के अवसर मुहैया होंगे: चुन्नीलाल साहू
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी की छत्तीसगढ़ इकाई ने कोरोना संक्रमण के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज के तीसरे चरण में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा की गई घोषणाओं का स्वागत करते हुए इसे किसानों, मछुआरों और पशुपालकों की बेहतरी की दिशा में उठाए गए क्रांतिकारी कदम बताया है।
रायपुर सांसद व भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील सोनी ने कहा कि केंद्र सरकार ने कृषि क्षेत्र के आधारभूत ढांचे को विकसित करने के लिए जो एक लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया है, प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों व कृषि उद्यमियों को लाभ तो होगा ही, कोल्ड चेन व भंडारण क्षमता में वृद्धि भी होगी। हर्बल व ऑर्गेनिक प्रोडक्ट बढ़ाने पर जोर देकर केंद्र सरकार ने स्वदेशी के मूलमंत्र को अंगीकार करने की दिशा में आगे बढ़ने का अवसर मुहैया कराया है। केंद्र सरकार अपने इन प्रावधानों से किसानों की आय दुगुनी करने में जुटी है। असंगठित क्षेत्र की खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के लिए 10 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान काफी महत्वपूर्ण घोषणा है।
दुर्ग सांसद विजय बघेल ने कहा कि देश की बड़ी आबादी कृषि पर निर्भर है और इस दृष्टि से कृषि से जुड़ी योजनाओं पर यह पैकेज केंद्रित रखा गया है, जो किसानों के लिए रोजगार और आय में इजाफे के साथ ही उनके उत्पादों की मार्केटिंग व ब्रांडिंग के नए अवसर पैदा करेगा। 55 लाख मछुआरों के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लिए 20 हजार करोड़ रुपए के प्रावधान से अब एक लाख करोड़ रुपए तक के निर्यात की संभावना आकार लेगी। इसी तरह 53 करोड़ पशुओं के टीकाकरण के लिए 13,343 करोड़ रुपए के प्रावधान से जहाँ पशुपालकों को राहत मिलेगी वहीं रोगमुक्त पशुओं से दुग्ध उत्पान में वृद्धि होगी।
महासमुंद सांसद चुन्नीलाल साहू ने कहा कि हर्बल खेती के लिए पांच हजार करोड़ रुपए और मधुमक्खी पालन के लिए पाँच सौ करोड़ रुपए का प्रावधान करके केंद्र सरकार ने दो लाख लोगों को लाभान्वित करने का संकल्प व्यक्त किया है। आलू, प्याज व टमाटर के साथ ही अन्य फलों व सब्जियों को नष्ट होने से बचाने व उत्पादक किसानों को नुकसान से बचाकर लाभकारी मूल्य दिलाने की योजना भी सराहनीय है। कृषि क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा व निवेश बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा जरूरी सामान की आपूर्ति कानून-1955 में बदलाव से किसानों को अंतरराज्यीय व्यापार के अवसर मुहैया होंगे।