डॉ. रमन का सवाल : केंद्र सरकार से मिल रही राशि का प्रदेश सरकार क्या उपयोग कर रही है?

प्रदेश सरकार की विफलताओं और वादाख़िलाफ़ी को लेकर लाखों भाजपा कार्यकर्ताओं ने धरना दे आवाज़ बुलंद की

उसेंडी ने प्रदेश सरकार को चेताया : जनता के साथ वादाख़िलाफ़ी करने का परिणाम भुगतना होगा

प्रदेश में सरकार के फैसलों से एक तरह से सुनियोजित ढंग से महामारी को न्योता दिया गया है : नेताम

रायपुर। प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं ने प्रदेशभर में मंगलवार 12 मई को प्रदेश सरकार की वादाख़िलाफ़ी और और कोरोना संकट के प्रति गंभीर लापरवाही को लेकर दो घंटे का धरना आंदोलन कर प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली के ख़िलाफ़ अपना ज़बर्दस्त विरोध व्यक्त किया। विदित रहे, सभी किसानों की पूरी कर्ज़ माफी, दो साल के बकाया बोनस के भुगतान, पिछले खरीफ सत्र में खरीदे गए धान के मूल्य की अंतर राशि के तत्काल भुगतान, शराबबंदी, युवाओं को बेरोजगारी भत्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व मितानिनों के मानदेय में बढ़ोत्तरी आदि मांगों को लेकर भाजपा ने यह धरना आंदोलन आहूत किया था। पार्टी ने आरोप ने लगाया कि गंगाजल हाथ में लेकर किए गए वादे पूरा करने में प्रदेश की कांग्रेस सरकार पूरी तरह विफल रही है।

हर मोर्चे पर प्रदेश सरकार की विफलता और वादाख़िलाफ़ी को लेकर मंगलवार 12 मई को प्रदेशभर के प्रदेश, जिला, मंडल, ग्राम केन्द्र, मतदान केन्द्र के भाजपा समेत सभी मोर्चा-प्रकोष्ठों के लाखों कार्यकर्ताओं ने झंडे और बैनरों के साथ सामुदायिक दूरी का पालन करते हुए अपराह्न 03 बजे से 05 बजे तक अपने घर के द्वार और बाहर चबूतरों पर प्रदेश सरकार के ख़िलाफ़ धरना दिया और राज्य सरकार के खिलाफ आवाज़ बुलंद की। भाजपा कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि अपने वादे पूरा करने के बजाय भूपेश सरकार के नेतागण पैसों की लालच में कोरोना महामारी जैसी विषम परिस्थिति में सभी नियम कायदों को धता बता आमजन के जीवन को ही खतरे में डालने से नहीं डर रहे हैं। शराब दुकानों को खोलकर सामुदायिक दूरी को ही नष्ट कर कोरोना संक्रमण को आमंत्रित करने का कार्य प्रदेश सरकार कर रही है।

इस मौके पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने कहा कि आज पूरे प्रदेश में कांग्रेस सरकार की वादाख़िलाफ़ी को लेकर भाजपा के लाखों कार्यकर्ताओं ने धरना देकर विरोध की जो आवाज़ बुलंद की है, उसे प्रदेश सरकार अनसुना न करे। शराबबंदी का मुद्दा हो या किसानों की कर्जमाफी के साथ ही दो साल के बकाया बोनस और पिछले खरीफ सत्र के धान मूल्य की अंतर राशि के भुगतान का मुद्दा हो, गंगाजल हाथ में लेकर कसमें खाने वाली प्रदेश सरकार अपने वादों पर क्रियान्वयन करती नहीं दिख रही है। श्री उसेंडी ने 18-19 मार्च से पहले टोकन कटने के बाद भी किसानों के धान खरीदी की व्यवस्था नहीं किए जाने पर भी प्रदेश सरकार की आलोचना की और कहा कि इन तमाम मुद्दों को लेकर प्रदेश सरकार को जगाने के लिए पार्टी ने यह आंदोलन किया है। श्री उसेंडी ने प्रदेश सरकार को चेताया है कि प्रदेश की जनता के साथ वादाख़िलाफ़ी करने का परिणाम उसे भुगतना होगा।

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि लॉकडाउन के चलते प्रदेश के लाखों श्रमिक आज हज़ारों किलोमीटर दूर विभिन्न प्रदेशों में दाने-दाने को तरस रहे हैं, लेकिन प्रदेश सरकार ने उनकी मदद के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। इसी तरह शराबबंदी के वादा भूलकर प्रदेश सरकार कोरोना संकट की इस घड़ी में भी लॉकडाउन के बावजूद घर-घर शराब पहुँचाने का काम कर रही है और हम उसका विरोध कर रहे हैं। डॉ. सिंह ने मांग की कि किसानों को दो साल का बकाया बोनस मिले, पिछले खरीफ सत्र में किसानों से खरीदे धान के मूल्य की अंतर राशि का तुरंत भुगतान हो। पत्रकारों से चर्चा के दौरान डॉ. सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार ने पूरी कार्ययोजना बनाई है। गरीब मजदूरों, किसानों, महिलाओं, वृद्ध व निराश्रितों, जन-धन खाताधारकों तक राशि पहुँचाने केंद्र ने योजना बनाई है। भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. सिंह ने पूछा कि केंद्र सरकार विभिन्न मदों में जो राशि प्रदेश सरकार को दे रही है, प्रदेश सरकार उस राशि का क्या कर रही है? लॉकडाउन प्रभावित परिवारों को प्रदेश के मुख्यमंत्री ने केंद्र द्वारा एक रुपए प्रति किलो दिए जाने वाले चावल को नि:शुल्क देकर सिर्फ 30 रुपए प्रति परिवार मदद दी है। इसके अलावा प्रदेश सरकार का कोरोना की रोकथाम और प्रभावितों को मदद में कोई योगदान नहीं है।
भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व संसद सदस्य रामविचार नेताम ने कहा कि किसानों के साथ प्रदेश सरकार ने धोखाधड़ी की है, प्रदेश को शराबखोरी का अड्डा बना दिया गया है। कोरोना महामारी से निपटने में ध्यान देने के बजाय प्रदेश सरकार सिर्फ शराब बेचने में लगी है जिससे कई घर तबाह हो रहे हैं, शराब के लिए हिंसक वारदातें और हत्याएँ तक हो रही हैं। प्रदेश की जनता इसके लिए भूपेश सरकार को कभी माफ नहीं करेगी। श्री नेताम ने कहा कि शराबबंदी के अपने वादे पर काम करने के बजाय महामारी के इस दौर में भी प्रदेश सरकार शराब बेचने में लगी है जिससे लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हुआ और कोरोना के संक्रमण का ख़तरा बढ़ा है। श्री नेताम ने आरोप लगाया कि प्रदेश में सरकार के फैसलों से एक तरह से सुनियोजित ढंग से महामारी को न्योता दिया गया है जो घोर निंदनीय है।

उल्लेखनीय है कि भाजपा के धरना आंदोलन के तहत भाजपा के राष्ट्रीय सह-संगठन महामंत्री सौदान सिंह, प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय, विधायक अजय चंद्राकर ,पूर्व मंत्री राजेश मूणत व मीडिया प्रभारी नलिनीश ठोकने ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निवास पर हिस्सा लिया वहीं राष्ट्रीय महामंत्री व सांसद सुश्री सरोज पांडेय ने दुर्ग, सांसद श्री नेताम व सुनील सोनी ने रायपुर, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने बिल्हा, बृजमोहन अग्रवाल , प्रेम प्रकाश पाण्डेय , पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ,केदार कश्यप ने रायपुर, भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विजय शर्मा ने कवर्धा , महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष पूजा विधानी ने बिलासपुर में धरना आंदोलन में हिस्सा लिया। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ताओं विधायक शिवरतन शर्मा, सच्चिदानंद उपासने, पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी, संजय श्रीवास्तव व भूपेंद्र सिंग सवन्नी प्रदेशभर में सभी वर्तमान व पूर्व सांसदों, विधायकों व जनप्रतिनिधियों ने भी अपने-अपने निवास पर धरना देकर प्रदेश सरकार की जबर्दस्त मुख़ालफ़त की।

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