शराबबंदी के लिए गठित कमेटी से भागने वाली भाजपा ने घर में धरना की नौटंकी की है
भाजपा के मिसकॉल वाले 56 लाख सदस्य शराबबंदी की मांग को लेकर धरना देते तो शराब के खिलाफ सामाजिक जागरूकता आती
कांग्रेस ने सत्ता संभालने के 10 दिन के भीतर किसानों की कर्ज माफी का वादा घोषणा पत्र में भी किया था और गंगाजल उठाकर भी किया था
कांग्रेस सरकार ने शपथ लेने के बाद 10 दिन नहीं 1 दिन नहीं तत्काल मंत्रिमंडल की बैठक करके किसानों की कर्ज माफी का फैसला लिया था
विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र का हर समय बद्ध वादा कांग्रेस की सरकार ने निश्चित समय में पूरा किया है
रायपुर/12 मई 2020। भाजपा के द्वारा आज नेताओं के और कार्यकर्ताओं के अपने घर के सामने धरना दिए जाने को फ्लॉप शो निरूपित करते हुए प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि छप्पन लाख घरों के सामने आज भाजपा के सदस्यों का धरना होना था क्योंकि प्रदेश में भाजपा के कथित रूप से 56 लाख सदस्य हैं 56 लाख वोट भी नहीं मिले थे विधानसभा चुनाव में और इस बार तो धरना प्रदर्शन 56 लाख तो कौन कहे 56 सौ जगह भी आयोजित नहीं हो सका, पूरे प्रदेश भाजपा का यह अभियान भी बुरी तरीके से विफल रहा और जनता के साथ-साथ भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी इस अभियान को नकार दिया।
कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भाजपा ने घोषणा तो की थी अपने घरों के सामने प्रदर्शन की लेकिन भाजपा नेताओं ने अपनी घोषणा के अनुरूप प्रदर्शन करने के बजाए खुलेआम धारा 144 का उल्लंघन किया और राजनैतिक नौटंकी की करोना काल में भाजपा की इस नौटंकी के लिए जनता कभी उसे माफ नहीं करेगी.
भाजपा के शराबबंदी की मांग को लेकर घर में धरना को कांग्रेस ने सुपर फ्लॉप शो राजनीतिक नौटंकी करार दिया संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने स्पष्ट कर दिया है नोटबंदी की तरह शराबबंदी नहीं करेंगे और शराबबंदी के लिए राजनीतिक प्रशासनिक और समाजिक कमेटी की गठन कर दिया गया है शराबबंदी के लिए गठित राजनीतिक कमेटी से भागने वाली भाजपा शराबबंदी के नाम से मात्र राजनीति नौटंकी कर रही है।भाजपा के मिस कॉल वाले 56लाख सदस्य ईमानदारी से भाजपा नेताओं के कहने पर यदि शराबबंदी की मांग को लेकर घरों में धरना देते तो यह भी शराब के खिलाफ सामाजिक जागरूकता की तरह होता। लेकिन दुर्भाग्य है 15 साल तक मुख्यमंत्री रहे डॉक्टर रमन सिंह के कमीशन खोरी भ्रष्टाचार और शराब के सरकारी करण से भाजपा के 56लाख मिस कॉल वाले सदस्य भी नाराज एवं दुखी है यही वजह है पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह और भाजपा के बड़े नेताओं के कहने पर भी शराबबंदी के राजनीतिक नौटंकी में शामिल नहीं हुए।
संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि पूर्व के रमन सरकार के दौरान किसानों के साथ धोखा घड़ी हुआ था चुनाव के वादा को पूरा करने में रमन सिंह की सरकार असफल रही है।कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में पूर्व के रमन सरकार के द्वारा ठगे गए किसानों को आश्वस्त किया है कि 2 साल के बकाया बोनस को भी किस्त में देंगे।महामारी संकट के दौरान किसान हताश और परेशान है भाजपा पूर्व के रमन सरकार के हाथो हुए किसानों के धोखाधड़ी के पाप से मुक्त होना चाहता है तो केंद्र के मोदी सरकार से स्पेशल पैकेज मांग कर बीते 2 साल की बोनस किसानों को दिलाएं छत्तीसगढ़ की जनता और भाजपा कार्यकर्ता भी जानते हैं पूर्व की रमन सरकार ने किसानों को 2 साल का बोनस नहीं दिया है और ना ही किसानों के धान को ₹2100 के दाम पर खरीदा है। शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि शराब के होम डिलीवरी को लेकर भाजपा नेताओं में भी मतभेद है एक ओर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह शराब के होम डिलीवरी का विरोध कर रहे हैं वहीं दूसरी और भाजपा के नेता पूर्व विधायक देवजी भाई पटेल होम डिलीवरी के लिए टेंडर करने की मांग करते हैं। भाजपा से जुड़े लोग शराब खोलना शराब की तस्करी में लगातार पकड़े जा रहे हैं शराबबंदी की मांग भाजपा के लिए सिर्फ राजनीतिक नौटंकी है ।
गंगाजल को भारत में बहुत पवित्र माना जाता है और भाजपा और भाजपा की बी टीम द्वारा झूठ बोलने के लिए गंगा माता के नाम का दुरुपयोग किए जाने की कॉन्ग्रेस कड़ी निंदा करती है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में और 15 नवंबर 2018 को प्रदेश कांग्रेस के मुख्यालय राजीव भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में सत्ता में आने के 10 दिनों के भीतर किसानों की कर्ज माफी का वादा किया था। शपथ लेने के 10 दिन के भीतर नहीं 1 दिन के भीतर नहीं शपथ लेते ही राज्य मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित की गई और किसानों की कर्ज माफी का फैसला लिया गया।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में घोषणा पत्र का हर समय बाद वादा कांग्रेस सरकार ने समय पर पूरा किया है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कांग्रेस को राज्य में 5 साल के लिए तीन चौथाई बहुमत से जनादेश मिला है । कांग्रेस अपने 2018 के विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र का एक एक वादा 5 साल के भीतर पूरा करेगी। 2018 के विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में किए गए 36 वादों में से शराबबंदी भी एक है। घोषणा पत्र के अन्य वादों की तरह शराबबंदी का वादा भी कांग्रेस 5 साल के भीतर पूरा करेगी। भाजपा की केंद्र सरकार के नोटबंदी या लाक डाउन शराबबंदी नहीं करेगी। शराबबंदी समुचित व्यवस्था बनाने के बाद ही की जाएगी।
भाजपा नेताओं को केंद्र के मोदी सरकार से छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि देशभर के मजदूरों के खाते में ₹7500 डालने की मांग करना चाहिए। लोकसभा चुनाव के दौरान किसान सम्मान निधि के नाम से देंगे हाकने वाली केंद्र की मोदी सरकार चुनाव जीतते ही किसानों के साथ धोखा छल फरेब कर रही है किसान सम्मान निधि के नाम से किसानों का निरंतर अपमान कर रही है कृषि में लगने वाले यंत्रों में भारी भरकम टैक्स लगाकर रसायनिक खादों के दामों को वृद्धि कर किसानों के साथ कुठाराघात करने का काम किया है कृषि कार्यों में उपयोग में होने वाले डीजल में सब्सिडी हटा कर किसानों को लूटने का काम किया है अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम पदार्थों के दाम में आए निम्न स्तर तक की गिरावट के बाद किसानों के जेब से 97 परसेंट टैक्स के रूप में डीजल में लूटमार मोदी सरकार कर रही है।
शराबबंदी के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बनी समितियों में भाग ना लेकर जिम्मेदारी से भाग जाने वाली भाजपा अब किस मुंह से शराब के खिलाफ बात करती है ?
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कांग्रेस ने सत्ता संभालते ही शराबबंदी का कोई वादा नहीं किया था जैसा कि भाजपा और भाजपा की बी टीम द्वारा प्रचार किया जा रहा है।
प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि शराबबंदी के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बनी समितियों में भाग ना लेकर भाजपा ने शराबबंदी में भागीदारी और अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई ?
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि करोना की महामारी के बाद मोदी सरकार द्वारा बिना सुनियोजित रणनीति के किए गए लाख डाउन के परिणाम स्वरूप देश के गरीब मजदूर किसान सब्जी उगाने वाले फुटकर व्यापारी बड़े व्यापारी उद्योग धंधे वाले ड्राइवर और समाज के सभी वर्गों के लोग ही परेशान नहीं है बल्कि देश की सारी राज्य सरकारों के आर्थिक संसाधनों पर गहरी चोट पहुंची है। राज्यों में आर्थिक गतिविधियां शून्य हो गई हैं और राज्य सरकारों को कर्मचारियों के वेतन के साथ साथ करोना से लड़ने में होने वाले अतिरिक्त खर्च भी उठाना है। वास्तव में तो करोना से लड़ाई जमीनी स्तर पर राज्य सरकार के प्रशासनिक कर्मचारी अधिकारी पुलिस के जवान स्वास्थ्य कर्मी डॉक्टर और राज्य की जनता लड़ रही है।