रायपुर, 30 अप्रैल 2020/ करोना संकट और लाॅकडाउन के दौरान भी अपनी उपज को आॅनलाइन वाजिब दाम पर विक्रय कर छत्तीसगढ़ के किसानों ने यह जता दिया है कि वह अब उन्नत खेती के साथ-साथ हाईटेक सुविधा का भी इस्तेमाल करने लगे हैं। दुर्ग जिले के चार कृषक उत्पाद संगठनों ने लाॅकडाउन के इस दौर में ई-पोर्टल के माध्यम से घर बैठे-बैठे गेहूं और सरसों की वाजिब मूल्य पर आॅनलाइन बिक्री कर यह साबित कर दिया है कि संकट की घड़ी में भी समझदारी से समस्या का समाधान निकाला जा सकता है।
कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू लाॅकडाउन के दौरान दुर्ग जिले के चार कृषक संगठनों- दुर्ग, धमधा, पाटन तथा महामाया कृषक उत्पादक संगठन ने ई-पोर्टल के माध्यम से 85 क्विंटल गेहूं और 15 क्विंटल सरसों की आॅनलाइन सफल बिक्री की है। प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ राज्य कृषि विपणन (मण्डी) बोर्ड ने बताया कि लाॅकडाउन के दौरान कृषक संगठन अपनी फसल गेहॅू तथा सरसों का विक्रय नहीं कर पा रहे थे, उनके द्वारा उपज के विक्रय हेतु मदद चाहे जाने पर कृषि उपज मंडी समिति राजनांदगांव द्वारा उनके संगठन के कार्य स्थल से गेहॅू तथा सरसों के नमूने एकत्रित कर भारत सरकार के मापदण्ड अनुसार एसेईंग कर ई-पोर्टल पर अपलोड किया गया। राजनांदगांव मंडी क्षेत्र के व्यापारियों द्वारा किसानों के गेहूॅ और सरसों को खरीदने के लिए आॅनलाईन बिडिंग की गई, जिसमें उच्चतम दर राजनांदगांव के थोक व्यापारी वर्धमान मार्केटिंग से प्राप्त होने तथा कृषक उत्पादक संगठनों द्वारा विक्रय की सहमति दिये जाने पर नियमानुसार ई-पोर्टल के माध्यम से 85 क्विंटल गेहूं तथा 15 क्विंटल सरसों ऑनलाईन विक्रय की प्रक्रिया पूरी की गई। क्रेता द्वारा कृषक उत्पादक संगठनों के संग्रहण केंद्रों से गेहूं और सरसों की तौल कराकर परिवहन एवं कृषकों को मूल्य का भुगतान किया गया।