मोदी राज में रूपया इतिहास में सबसे निंचले स्तर पर
डालर के मुकाबले रूपया गिरने से महंगाई तेजी से बढ़ेगी
रायपुर/ 27 सितंबर 2022। मोदी सरकार की आर्थिक कुप्रंबधन के कारण देश की अर्थव्यवस्था लगातार तबाही की ओर बढ़ती जा रही है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मोदी सरकार ने रुपए को इतिहास में सबसे कमजोर कर दिया है। रूपया 1 डॉलर के मुक़ाबले 82 पार करने पर तुला हुआ है। पिछले 12 महीनों में रुपए के मूल्य में 12 प्रतिशत से ज़्यादा गिरावट हो गयी है। मोदी सरकार के 8 साल के कार्यकाल में रूपया 1 डॉलर के मुक़ाबले 24 रुपए (43.5 प्रतिशत) तक गिरा है। मोदी के राज में भारत की विदेशी मुद्रा भंडार पिछले 1 महीने में 26 बिलियन डॉलर कम हुआ, 1 साल में 642 बिलियन डॉलर से गिरकर 545.5 बिलियन डॉलर पर पहुँचा।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि लगातार रुपए के गिरने से महंगाई और बढ़ी, लोन की किश्तें भी बढ गयी है। अब 1 अमरीकी डॉलर के बदले 81.47 रुपए देने होंगे। लग रहा है मोदी जी पेट्रोल की तरह रूपये से भी शतक लगवाने के लिए बेताब हैं। मोदी जी की असीम अनुकम्पा से रुपया निरंतर कमजोर होते हुए इतिहास में सबसे कमज़ोर बन गया है और जो गिरती साख की बात करते थे, ना जाने किस गड्ढे में गोता खा रही आबरू को अब ढूँढ ही नहीं पा रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रुपया कमजोर होने का मतलब है। विदेश से समानों आयात की लागत बढ़ना। जैसे – कोई सामान विदेश से 1 डॉलर में आता है तो 2013 में हमें 58 रुपए चुकाने होते थे वहीं, अब इसी सामान के 82 रुपए चुकाने होंगे, पूरे 9 रुपए ज्यादा। जब कोई सामान विदेश से 9 रुपए ज्यादा कीमत पर देश में आएगा, तो लोगों को भी महंगे दाम पर मिलेगा। जैसे – भारत 80 प्रतिशत कच्चा तेल आयात करता है, अब यह महंगे दाम पर भारत आएगा। तेल महंगा होगा, तो महंगाई बढ़ेगी; आख़रि डीज़ल के ट्रकों से ही ज़्यादातर माल (फल, सब्ज़ी, खाद्यान्न, और अन्य चीजें) ढोए जाते हैं, तो उसकी लागत बढ़ जाएगी। इसकी वजह से चीजें महंगी होंगी।