*15 साल तक बनी सड़कों में डामर कम भ्रष्टाचार की कालिख ज्यादा थी*
*12 से 15 साल चलने वाली सड़कें 4 से 5 साल में कंडम हो रही*
रायपुर/24 सितंबर 2022। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ की कुछ खराब सड़कों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन और भाजपा के लोग जो बयान दे रहे और सोशल मीडिया में जो पोस्ट कर रहे वह दरअसल उनके अपने भ्रष्टाचार की स्वीकारोक्ति है। राज्य सरकार जब सड़क बनाती है, कार्ययोजना बनाती है वह कुछ दशकों के लिये होती है। सड़कें हर साल नहीं बनाई जाती। किसी भी सड़क की आयु कम से कम 10 से 15 वर्ष तक होती है। भारतीय जनता पार्टी के समय बनाई गई अधिसंख्यक सड़कें 4 साल में कंडम हो गयी है। जिन सड़कों की फोटो भारतीय जनता पार्टी के नेता जारी कर रहे है ये सारी की सारी सड़कें, डोंगरगढ़ की सड़क, 2016 में बनी, बिलासपुर की सड़क 2018 में बनी, पंडरिया की सड़क 2017 में बनी, बालोद की सड़क 2018 जनवरी में बनाई गयी थी। चुनावी वर्ष में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के द्वारा बनाई गई ये सारी की सारी सड़कें गुणवत्तविहीन भी 4-5 साल में ही कंडम हो गयी। इन सड़कों में डामर की कालिख की जगह भारतीय जनता पार्टी की भ्रष्टाचार की कालिख थी। बड़ी बेशर्मीपूर्वक भाजपा के सारे के सारे नेता जो इस भ्रष्टाचार के लिये जिम्मेदार है चाहे डॉ. रमन सिंह हो, चाहे राजेश मूणत हो, या सांसद के रूप में सरोज पांडेय हो सबने अपने भ्रष्टाचार की कालिख को बेशर्मीपूर्वक उजागर करने का काम किया है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन सरकार के सड़कों के भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा उदाहरण राजधानी रायपुर का एक्सप्रेस-वे है जिसकी लागत लगभग 463 करोड़ है और जो रमन सिंह के द्वारा उद्घाटन किये जाने के एक माह के अंदर धसक गया जिसका पुर्ननिर्माण करवाना पड़ा। रमन सिंह को एक्सप्रेस-वे के अपने भ्रष्टाचार को भी ट्वीट में पोस्ट करने का साहस दिखना चाहिये। रमन सिंह और भाजपाई सोच रहे है कि वे इन कंडम सड़कों की फोटो दिखा कर कांग्रेस सरकार को बदनाम कर लेंगे तो वे सब मुगालते में है। यह सड़कें रमन राज के कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार की स्मारक के रूप में है। जनता की गाढ़ी कमाई को किस प्रकार लूटा गया इसकी बानगी 4 साल में खराब होने वली यह सड़कें है। छत्तीसगढ़ में कुल सड़कों की लंबाई 33023 वर्ग किमी है जिसमें नेशनल हाईवे 3605 किमी है जिसकी हालत सबसे ज्यादा खराब है। पत्थलगांव, सरगुजा में तो विगत 8 वर्षो से समस्या है जो भाजपा सांसदों के निकम्मेपन और मोदी सरकार के भ्रष्टाचार का प्रमाण है।