अम्बिकापुर : वैश्विक महामारी कोविड-19 के संक्रमण के प्रसार को रोकने तथा रोकथाम के उपाय हेतु लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन से सभी घरों में रहने विवश हैं वही बीपीएल श्रेणी के परिवारों के सामने दो जून के भोजन व्यवस्था की चिंता सताने लगी थी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बीपीएल कार्डधारी तथा बिना कार्डधारी जरूरतमंद परिवारों की चिंता दूर करने के लिए माह अप्रैल और मई का राशन एक मुश्त निःशुल्क प्रदाय करने के निर्णय लेकर तत्काल वितरण प्रराम्भ करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के इस निर्णय से आदिवासी बाहुल्य सरगुजा जिले के वनांचल क्षेत्र के बीपीएल परिवारों की बड़ी चिंता दूर हो गई। जिले में अब तक 2 लाख 17 हजार 168 परिवारों को दो माह का निःशुल्क राशन वितरण किया जा रहा है। इसमें अंत्योदय कार्डधारी 63069, निराश्रित कार्डधारी 936, अन्नपूर्णा कार्डधारी 486, प्रथमिमता कार्डधारी 1 लाख 52 हजार 571 तथा निःशक्तजन कार्डधारी 106 हितग्राही शामिल हैं।
कलेक्टर डॉ सारांश मित्तर के निर्देशानुसार कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए सभी 445 उचित मूल्य की दुकानों में फिजिकल डिस्टेंस बनाये रखने हेतु दुकानों में 1 मीटर लंबाई के प्लास्टिक के पाईप के जरिये चावल दिया जा रहा है। दुकान संचालक चावल का वजन करने के बाद इसी पाइप के द्वारा चावल हितग्राहियों के थैला या बोरी में डाल देता है। उचित मूल्य की दूकान में फिजिकल डिस्टेंसिग बनाये रखने का यह अभिनव पहल साबित हो रहा है। इसके साथ ही दुकान के सामने फिजिकल डिस्टेंसिंग मार्किंग भी की गई है। हाथ धोने के लिए पानी की भी व्यवस्था है। हितग्राही फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बारी-बारी से राशन सामग्री प्राप्त कर रहे हैं।
जिला खाद्य अधिकारी ने बताया है कि जिले के अन्त्योदय बीपीएल कार्डधारियों को प्रति कार्ड 35 किलों चावल एवं 2 किलो अमृत नमक के हिसाब से अप्रैल एवं मई माह के लिए एक मुश्त निःशुल्क प्रदान किया जा रहा है। इसके अलावा प्राथमिकता श्रेणी के बीपीएल कार्डधारियों को एक व्यक्ति के लिए 10 किलो, 2 व्यक्तियों के लिए 20 किलो, 3 से 5 व्यक्तियों लिए 35 किलो के हिसाब से माह अप्रैल एवं मई के लिए एकमुश्त प्रदान किया जा रहा है। इसी तरह बीपीएल श्रेणी के अन्तर्गत निराश्रित, अन्नपूर्णा, एवं निःशक्तजनों को प्रति कार्ड के प्रतिमाह 10-10 किलो के हिसाब से एक मुश्त दो माह के लिए 20-20 किलो निःशुल्क चावल प्रदान किया जा रहा है।