रायपुर, राज्य शासन द्वारा राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा विकसित घर पर रहकर पढ़ाई की योजना ‘पढ़ई तुंहर दुआर’ को स्वीकृति प्रदान कर दी है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव ने राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद और डाइट के सभी प्राचार्यों को शिक्षकों का ऑनलाइन प्रशिक्षण आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने स्कूली बच्चों को घर पर ही रहकर पढ़ने के लिए देश के सबसे बड़े ऑनलाईन शिक्षा पोर्टल में से एक ’पढ़ई तंुहर दुआर’ का शुभारंभर बीते 7 अप्रैल को किया था। इस पोर्टल के जरिए लाखों छात्र बिना किसी शुल्क के ऑनलाईन पढ़ाई की सुविधा शासन द्वारा उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था की गई है। यह शिक्षा पोर्टल लॉकडाउन के साथ ही आने वाले समय में बच्चों को निरंतर पढ़ाई के लिए उपयोगी होगा। इस ई-लर्निंग प्लेटफार्म में ऑनलाईन इंटरएक्टिव कक्षाओं के जरिए शिक्षक और बच्चे अपने-अपने घरों से ही वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अध्ययन-अध्यापन करा सकेंगे। यह छत्तीसगढ़ राज्य के छात्रों सहित हिन्दी भाषी राज्यों के लिए भी बहुत लाभदायक होगा। स्कूल शिक्षा विभाग की वेबसाइट सीजीस्कूलडॉटइन (cgschool.in) पर कक्षा पहलीं से 10वीं तक विद्यार्थियों के अध्ययन के लिए पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराई गई है। इस पोर्टल का विस्तार भी आगे की कक्षाओं के लिए किया जा रहा है। निकट भविष्य में 11वीं व 12वीं के विद्यार्थी भी इसका लाभ उठा सकेंगे है।
प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग ने संचालक लोक शिक्षण को निर्देशित किया है कि अधिक से अधिक शिक्षकों और विद्यार्थियों को इससे जोड़ा जाए। इसके साथ ही योजना की सतत मॉनिटरिंग के भी निर्देश दिए गए है। मिशन संचालक समग्र शिक्षा को इस योजना को वार्षिक कार्ययोजना में शामिल करने के निर्देश दिए है। संचालक राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद को इस योजना के पाठ्य सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित करने तथा इसकी सतत् मॉनिटरिंग के साथ ही शिक्षकों को शैक्षणिक वीडियो, ऑडियो एवं अन्य शैक्षिक सामग्री बनाने सहयोग करने के निर्देश दिए है। प्रमुख सचिव ने राज्य के शिक्षकों के लिए ऑनलाईन प्रशिक्षण आयोजित करने के निर्देश दिए है। सभी संभागीय आयुक्त और कलेक्टरों को योजना की सतत मॉनिटरिंग करने कहा गया है। सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि जिले के सभी शिक्षकों और विद्यार्थियों को इस योजना में जोड़ने का प्रयास करें। सभी डाइट के प्राचार्यों को निर्देश दिए गए हैं कि वे डाइट के अंतर्गत आने वाले शिक्षकों को शैक्षणिक वीडियो, ऑडियो और अन्य शैक्षणिक सामग्री बनाने में सहायता करने के साथ ही सामग्री की गुणवत्ता भी सुनिश्चित करें। इसके लिए शिक्षकों के ऑनलाईन प्रशिक्षण भी आयोजित किए जाएं।