कलेक्टर ने विभाग को कोसा उत्पादन बढ़ाने पर फोकस करने के दिये निर्देश
अधिक संख्या में महिलाओं को आजीविका से जोड़ें और प्रति महिला आय बढ़ाने की दिशा में काम करें – कलेक्टर
वर्तमान में 15 उत्पादन केंद्रों में कोसा कीट पालन, 2 नए केंद्र होंगे शुरू
कोरिया 16 फरवरी 2022/ जिले में कोसा उत्पादन को बढ़ाने और महिलाओं को इस आजीविका से जोड़कर अधिक से अधिक लाभ कमाने की दिशा में सशक्त प्रयास करने के निर्देश देते हुए कलेक्टर श्री कुलदीप शर्मा ने कोसा उत्पादन केंद्र जामपारा का निरीक्षण किया। जामपारा में 11 हेक्टेयर में अर्जुन और साजा के वृक्ष पर कोसा कीट पालन किया जा रहा है। जिले में वर्ष 2021-22 में अब तक 19 लाख 17 हजार 344 कोसा उत्पादित किया गया है। पिछले बार की तुलना में इस बार उत्पादन में 4 लाख 27 हज़ार 763 नग कोसा उत्पादन की बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान सीईओ जिला पंचायत श्री कुणाल दुदावत भी उपस्थित रहे।
कलेक्टर ने कोसा उत्पादन को बढ़ाने पर फोकस करने के निर्देश दिए। उन्होंने रेशम विभाग के अधिकारी को निर्देश दिए कि जिले की रेशम उत्पादन की स्थिति और आगामी कार्ययोजना प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि कोसा उत्पादन और धागाकरण की आजीविका से अधिक महिलाओं को जोड़ें और प्रति महिला आय बढ़ाने की दिशा के काम करें। इसके साथ ही कोसा उत्पादन केंद्रों में अतिरिक्त आजीविका के साधन के रूप में कोदो, कुटकी, रागी जैसे मिलेट, दलहन एवं सब्जी उत्पादन आदि की कार्ययोजना भी प्रस्तुत करने के निर्देश कलेक्टर ने दिए।
धागाकरण का काम करती महिलाओं से कलेक्टर ने की बात
कलेक्टर श्री शर्मा ने निरीक्षण के दौरान धागाकरण का काम करती महिलाओं से भी बात की और काम में किसी तरह की समस्या की जानकारी ली। महिलाओं में कलेक्टर से लो वोल्टेज की समस्या साझा की जिससे रीलिंग मशीन के संचालन में परेशानी होती है। कलेक्टर ने त्वरित संज्ञान लेते हुए विद्युत विभाग को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया। उन्होंने को बेहतर काम करने हेतु प्रोत्साहित कर शुभकामनाएं दी।
उल्लेखनीय है कि जिले में कोसा की तीन प्रजातियों के कीड़ा पालने का कार्य किया जाता है जिसमे शहतूत (मलबरी) कृमिपालन, टसर (डाबा) कीटपालन एवं नैसर्गिक रैली कोसा कीट पालन शामिल है। वर्तमान में जिले में 15 उत्पादन केंद्रों में 127 हेक्टेयर भूमि पर 3 लाख 74 हजार पौधों में कोसा कीट पालन किया जा रहा है। 2 नए केंद्र भी शुरू किए जा रहे हैं। जिससे उत्पादन केंद्रों की संख्या बढ़कर 17 हो जाएगी। इस कार्य से पूरे जिले में 15 महिला स्व सहायता समूह की 215 महिलाओं को रोजगार मिला है।