बलौदाबाजार,रवान। अन्नदान का पर्व छेरछेरा में उत्साहपूर्वक मनाया गया। सुबह से ही बच्चे, युवा व बुजुर्ग छेरछेरा मांगने गांवों की गलियों में दिखे। ग्रामीण अंचलों में सोमवार को दिन भर सबकी जुबान से छेरछेरा शब्द सुनने को मिला। मांदर की थाप पर डण्डा नृत्य कर नर्तकदलों ने छेरछेरा मांगाधान की फसल तैयार होने के बाद घर आने की खुशी में यह त्यौहार हर वर्ष पौष माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। पर्व को लेकर रविवार की शाम से ही लोगों में खासा उत्साह था। सुबह होते ही बच्चे युवा व बुजुर्ग गांव के एक छोर से छेरछेरा मांगते दूसरे छोर तक पहुंचे। वहीं ग्रामीणों ने घर के सामने टोकरी में धान रखकर खुले हाथ से लोगों को धान बांटा। छेरछेरा मांगने का सिलसिला सुबह 7 बजे से लगभग 11 बजे तक चला इसके बाद डंडा नृत्य करने वालों की कई टोलियां गांवों में निकली। मांदर की थाप पर नर्तकों ने घर-घर में डंडा नृत्य किया। नर्तक दलों को सभी घरों से धान या नगद राशि मिली।