कोंडागांव: इस प्रकरण में शासन की ओर से दिलीप जैन, लोक अभियोजक ने पैरवी की। प्रकरण के संबंध में लोक अभियोजक श्री दिलीप जैन ने बताया कि दिनांक 08.11.2016 को विवेचक को मुखबीर के माध्य से सूचना मिली कि एक सफेद डस्टर कार क्र. ब्ळ 10 ।।-5498 में एक व्यक्ति जिसका हुलिया रंग सावंला, सीधे लंबे काले बाल, चेहरे पर हल्की दाढी जींस टी-षर्ट पहना है, अवैध लाभ कमाने के लिए बिक्र हेतु मादक पदार्थ गांजा भरकर उडीसा राज्य डोंगरी की ओर से जगदलपुर कोण्डागांव होते हुए पेन्ड्रा रोड अनुपपुर मध्यप्रदेष में बिक्री करने के कलए ले जा रहा है, विवेचक स्वयं कार्यवाही हेतु हमराह स्टाफ के साथ मय विवेचना किट आदि लेकर गवाहों के साथ एन.एच. 30 मार्ग थाना के सामने नाकेबंदी किया। कुछ देर बाद सुबह 08ः15 बजे लगभग मुखबीर के बताये अनुसार सफेद रंग की डस्टर कार कोण्डागांव से फरसगांव की ओर आते दिखी जिसे रोकने का प्रयास किया गया किंतु तेज रफ्तार होने से वाहन चालक ने वाहन को सडक पर बने डिवार्डर से टकरा दिया जिससे वाहन क्षतिग्रस्त हो यगी । फिर पुलिस द्वारा भागने का प्रयास कर रहे वाहन चालक को घेराबंदी कर पकडा गया । पूछताछ में उसने अपना नाम आरोपी रामजीत सिंह बताया । फिर गवाहों के समक्ष आरोपी एवं उसके वाहन की तलाषी दी गयी जिसमें कार के बीच सीट एवं पीछे डिक्की से कुल 40 पैकेटों में प्लास्टिक भूरा रंग का सेलोटेप से लिपटा हुआ मादक पदार्थ हरे भूरे रंग का गांजा मिला जिसे तौल करने पर कुल वजन 208.354 किलोग्राम पाया गया जिसे गवाहों के समक्ष जप्त किया गया । इसके पश्चात आरोपी से वाहन एवं लायसेंस जप्त किया गया । इसके उपरांत आरोपी से बरामद वस्तुओं व हमराह स्टाफ के साथ वापस थाना फरसगांव आकर देहाती नासली रिपोर्ट प्रस्तुत किया जिसके आधार पर थाना फरसगांव में आरोपी के विरूद्ध अपराध क्र. 98/2016 धारा 20(ख)एन.डी.पी.एस. एक्ट का प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किया। आरोपी के विरूद्ध चालानी कार्यवाही योग्य पर्याप्त साक्ष्य पाये जाने से अभियोग पत्र तैयार कर माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया ।
कोण्डागांव जिले के विषेष सत्र न्यायाधीश(एन.डी.पी.एस. एक्ट) कोण्डागंाव के न्यायाधीश सुरेष कुमार सोनी ने प्रकरण का विचारण कर आरोपी को धारा 20 (ख) (2-स) स्वापक औषधी एवं मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम के आरोप में दस वर्ष के सश्रम करावास एवं रूपये 1,00,000.00/- मात्र के अर्थदण्ड से दण्डित किया जाता है । अर्थदण्ड की राशि अदा होने के व्यतिक्रम पर 01 वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास पृथक से भुगतना होगा ।