रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम समेत प्रदेश के मंत्रियों व कांग्रेस नेताओं द्वारा राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उईके को वैक्सीनेशन को लेकर सौंपे गए ज्ञापन को टूल-किट एजेंडा के तहत सरासर सफ़ेद झूठ का पुलिंदा करार देते हुए कहा है कि आपदाकाल में छत्तीसगढ़ के निजी अस्पतालों में मची लूट, मुनाफ़ाखोरी और दवाओं की कालाबाज़ारी को रोकने में नाकारा साबित हुई प्रदेश सरकार और कांग्रेस अब फिर प्रदेश में भ्रम फैलाकर अपने कृत्यों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है। श्री श्रीवास्तव ने छत्तीसगढ़ में कोरोना की दूसरी लहर के लिए प्रदेश की कांग्रेस सरकार को ज़िम्मेदार बताकर गाँव-गाँव तक क्रिकेट मैच के फ़्री पास बाँटे जाने की जाँच की मांग की है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री श्रीवास्तव ने कहा कि वैक्सीनेशन को लेकर केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ प्रलाप कर रही कांग्रेस अब भी ‘दिल्ली दरबार’ के आदेश पर अपने टूल-किट एजेंडे को अमल में लाने से बाज नहीं आ रही है। कोरोना की पहली लहर से लेकर दूसरी लहर तक के लिए अपने आपराधिक कुप्रबंधन का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ रही कांग्रेस को यह अपराध बोध क्यों नही सालता कि क्वारेंटाइन सेंटर की बदइंतज़ामी से लेकर अब वैक्सीनेशन को लेकर घटिया राजनीति करने तक प्रदेश सरकार ने सिवाय सियासी लफ़्फ़ाजी और अपने निकम्मेपन का प्रदर्शन करने के और कुछ नहीं किया। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि कोविड वैक्सीन की क़ीमतों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर मुनाफ़ाखोरी का आरोप लगाने वाले कांग्रेस नेताओं को इस बात पर कब शर्म महसूस होगी कि कांग्रेस शासित पंजाब में वैक्सीन को वहां की राज्य सरकार ने मुनाफाखोरी का जरिया बना रखा है और राजस्थान की राज्य सरकार ने वैक्सीन को बर्बाद करके ज़मीन में गाड़ दिया। अपनी राज्य सरकारों के इस ग़ैर-ज़िम्मेदाराना आचरण पर कांग्रेस नेता अपने मुँह में दही जमाकर चुप क्यों बैठ जाते हैं?
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री श्रीवास्तव ने कहा कि वैक्सीनेशन के लेकर सबसे ज़्यादा घटिया राजनीति तो कांग्रेस और उसकी प्रदेश सरकार ने छत्तीसगढ़ में की। पहले वैक्सीन को लेकर छत्तीसगढ़ में दुष्प्रचार करके प्रदेश सरकार और उसके स्वास्थ्य मंत्री वैक्सीनेशन के काम को रोके रखा। हाईकोर्ट की फटकार के बावज़ूद प्रदेश सरकार ने अपनी हठधर्मिता नहीं छोड़ी। भारत के किसी भी राज्य में जो नहीं हुआ, छत्तीसगढ़ की सरकार ने टीकाकरण में भी आरक्षण लागू करने की धृष्टता तक कर दी जिसके लिए फिर हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार को फटकारा। श्री श्रीवास्तव ने क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि जब प्रदेश में कोरोना से लोग मर रहे थे, तब प्रदेश सरकार ने कोरोना के इलाज और वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन को तब तक रोके रखा, जब तक आत्मप्रचार के भूखे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की फोटो वाला पोर्टल नहीं बन गया। इस निम्न स्तर तक की राजनीति करके आपदाकाल को अपने राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति का अवसर बनाने वाले कांग्रेस नेताओं को केंद्र सरकार पर कोई भी तोहमत जड़ने से पहले अपना गिरेबाँ झाँक लेना चाहिए। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार ने फैलाई और इसके लिए इस बात की जाँच की जानी चाहिए कि प्रदेश के गाँव-गाँव तक क्रिकेट मैच के फ़्री पास क्या इरादतन बाँटे गए थे?
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री श्रीवास्तव ने कहा कि आज जब मिलकर कोरोना संक्रमण का मुक़ाबला करना है, तब प्रदेश सरकार और कांग्रेस के लोग गंदी राजनीति कर रहे हैं और मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री आपस में पोलिटिकल गैंगवार में उलझे हैं। 18+ के वैक्सीनेशन की जैसे ही घोषणा हुई, देश के बाकी राज्यों ने तत्काल अपनी ज़रूरत के वैक्सीन का ऑर्डर कर दिया, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार बेसुध रही और कांग्रेस के टूलकिट एजेंडे पर काम करके सिर्फ़ चिठ्ठियाँ लिखने में ही वक़्त जाया करती रही और अब नित-नया झूठ गढ़कर केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ रूदाली-रूदन कर रहे हैं। वैक्सीनेशन को लेकर अपनी सियासी साजिशों और नाकामियों के लिए प्रदेश कांग्रेस और सरकार के लोगों को शर्म आनी चाहिए।