रायपुर। संसदीय सचिव व विधायक विकास उपाध्याय आज नर्सिंग दिवस पर सैकड़ों नर्स को छाता भेंट कर उनका सम्मान किया। उन्होंने बताया कि ‘द लेडी विद द लैम्प’ के नाम से मशहूर फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्म दिवस पर हर साल दुनिया भर में 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस के रूप में मनाया जाता है और आज वैश्विक महामारी के दौर में पूरे विश्व में नर्सों की भूमिका व उनका योगदान इस दिवस का और भी महत्व बढ़ा दिया है। विकास उपाध्याय ने कहा, उन्हें सम्मानित कर वे बड़ा गर्व महसूस कर रहे हैं।
विकास उपाध्याय आज अंतरराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर के विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं में योगदान दे रहीं सैकड़ों नर्स का उनसे मिल कर छाता भेंट कर सम्मानित किया। विधायक विकास उपाध्याय से सम्मानित हो कर नर्स भी काफी खुश हुए और उन्होंने कहा,उनके योगदान को याद रख जनप्रतिनिधि खुद उनके पास उपस्थित हो कर सम्मानित कर रहे हैं। यही उनके लिए बड़ी बात है। इस वैश्विक महामारी के बीच जब वे रोज तनाव व व्यस्त माहौल में जी रहे हैं ये कुछ पल सुकून वाली बात है।
विकास उपाध्याय ने अंतरराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस के बारे में जानकारी देते हुए बताया,नोबल नर्सिंग सेवा की शुरुआत करने वाली फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्म दिवस पर हर साल दुनिया भर में 12 मई अंतरराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस के रूप में मनाया जाता है।फ्लोरेंस का मक़सद ज़्यादा से ज़्यादा लोगों की जान बचाना और उन्हें साफ़-सुथरा माहौल देना था। जिसे वर्तमान समय में लोगों का दिन रात सेवा कर अपना खुद का जान जोखिम की परवाह किये बगैर सभी नर्सें समाज में प्रासंगिक कर रही हैं। विकास उपाध्याय ने बताया।तमाम डॉक्टरों की तरह फ्लोरेंस कीटाणुओं से बीमारी फैलने की बात पर यक़ीन करती थीं। फ्लोरेंस का ज़ोर भारत में साफ़ पानी की सप्लाई बढ़ाने पर किया गया योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों, बीमारों और दुखियों की सेवा में समर्पित किया। इसके साथ ही उन्होंने नर्सिंग के काम को समाज में सम्मानजनक स्थान दिलवाया।
विकास उपाध्याय ने कहा,आज कोरोना महामारी के समय में नर्स अपनी भूमिका को तत्परता से निभा रही हैं और रोगियों की अच्छी तरह देखभाल करके दुनिया में एक मुकाम हासिल कर रही हैं। आज इस कोविड महामारी के समय में डॉक्टरों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपनी सेवाएं दे रही है। विकास उपाध्याय ने कहा, रायपुर में आज कोरोना संक्रमण की रफ्तार जो कम हुई है, उसमें बहुत बड़ा योगदान यहाँ के तमाम नर्स की है, जो दिन रात लगी हुई हैं और वे आज इनको सम्मानित कर गर्व महसूस कर रहे हैं। विकास उपाध्याय आज रायपुर के 300 से भी ज्यादा नर्सों को छाता भेंट कर उन्हें सम्मानित किया।