सौर ऊर्जा से स्वयं पानी लेने के साथ दूसरों को भी सिंचाई के लिए दे रहा पानी आदिवासी कृषक पांडूराम
बिजली विहीन क्षेत्रों के लिए वरदान साबित हो रहा है सौर ऊर्जा
नारायणपुर, वर्तमान समय में बढ़ते तापमान एवं परम्परागत संसाधनों की कमियों को दूर करने एवं किसानों को गैर परम्परागत संसाधनों की ओर बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण उपाय सौर सुजला योजना के अंतर्गत दिया जाने वाला सोलर पंप है। जिसमें सौर उर्जा के माध्यम से किसानों द्वारा सिंचाई कार्य किया जा रहा है। जिले के बिजली विहीन क्षेत्रों के लिए सौर ऊर्जा वरदान बनी हुई है। जिले के ग्राम बेनूर निवासी आदिवासी किसान श्री पांडूराम के खेत में बिजली हो या न हो, उसको कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि उसके खेत में सिंचाई सौर ऊर्जा से चलित सोलर पंप से हो रही है। श्री पांडूराम के पास 3 एकड़ जमीन है। सिंचाई के लिए उसके खेत में अन्य साधन नही है। पहले अन्य कई हिस्सों की तरह इस क्षेत्र में भी बिजली नहीं थी। इसलिए वह परम्परागत किंतु अधिक मेहनत वाले साधन से सिंचाई करता था, जिस पर बहुत ज्यादा खर्च भी होता था और मेहनत भी लगता था। वह सिर्फ धान की ही फसल ले पाता था। इससे उन्हें अपनी रोज़ी रोटी चलाने लायक ही आमदनी हो पाती थी।
जिला प्रषासन की मदद से श्री पांडूराम को क्रेडा विभाग द्वारा उसके खेत में सोलर पंप लगाने की सलाह दी गयी। क्रेडा विभाग के अधिकारियांे ने श्री पांडूराम को योजना की जानकारी देते हुए बताया कि सौर सुजला योजना के तहत् 2 एचपी, 3 एचपी और 5 एचपी के सोलर पंप प्रदाय किये जाते हैं। जिसमें 2 एचपी के लिए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग के किसानों के लिए 5 से 16 हजार रूपये, 3 एचपी पंप के लिए 7 से 18 हजार रूपये और 5 एचपी पंप के लिए 10 से 20 हजार रूपये अंषदान लिया जाता हैं। नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजनांर्गत गौठानों चारागाहों एवं रजिस्टर्ड गौषालाओं में भी सामान्य श्रेणी के कृषकों के समतुल्य अंषदान पर सोलर पंप की स्थापना की जा सकती है।
श्री पांडुराम के खेत में सौर ऊर्जा पैनल वाला सोलर पंप लगाया गया। इस पैनल के शुरू होते ही पांडुराम ना सिर्फ अपने खेतों में सिंचाई करता है, बल्कि दूसरे किसानों को सिंचाई हेतु सहायता करता है। सिंचाई साधन बढ़ने से उसने धान के साथ साथ सब्जी की फसल लेना भी शुरू कर दिया है। गत वर्ष श्री पांडूराम अपने खेत में आलू की खेती की थी, जिससे उसे 30 बोरा आलू भी मिला। उसकी कमाई अब धीरे-धीरे बढ़ रही है। उसने खेत की जमीन का समतलीकरण भी करा लिया है। पांडुराम ने कहा कि सौर ऊर्जा ने उसकी बिजली की जरूरत को पूरा कर दिया है।
कलेक्टर श्री पी एस एल्मा ने बताया कि ऊर्जा की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा बेहतर विकल्प है। हमें इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। सौर सुजला योजना का मुख्य उद्देश्य रियायती दरों पर उन्हें सौर सिंचाई पंप प्रदान करके किसानों को सशक्त बनाना है। इस योजना से न केवल किसान अपनी भूमि पर खेती करने के लिए अधिक सक्षम होंगे बल्कि इस योजना के तहत जिले में कृषि और ग्रामीण विकास को मजबूत बनाने में भी मदद मिलेगी। सौर सुजला योजना के तहत सरकार क्रमशः 2 एचपी, 3 एचपी और 5 एचपी क्षमता वाले सौर ऊर्जा संचालित सिंचाई पंपों को किसानों को वितरित करती है। नारायणपुर जिले में सौर सुजला योजना के तहत् अब तक 1916 सोलर पंप लगाये जा चुके हैं।