मथुरा ,कोरोना वायरस के चलते इस्कॉन मंदिर बुधवार से 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया है। मंदिर के पांचों द्वारों पर ताले लटका दिए गए हैं। मंदिर में रह रहे करीब 60 ब्रह्मचारी मंदिर के अंदर ही रहेंगे। मंदिर में न तो कोई बाहर से प्रवेश कर सकेगा और न ही अंदर का कोई भी व्यक्ति बाहर आ पाएगा। इस्कॉन के अध्यक्ष पंचगौड़ा दास ने मंदिर को बंद कराया तथा अन्य पदाधिकारियों को निर्देश दिए।
इस्कॉन मंदिर जब से वृंदावन में बना है तब से यह पहला मौका है कि मंदिर पर बाहर के श्रद्धालुओं के लिए ताले लटकाए गए हैं। कोरोना वायरस के चलते यह निर्णय मंगलवार को एचएच गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज द्वारा बैठक करने के बाद लिया गया।
इस निर्णय के बाद से ही मंदिर प्रशासन इन दिनों में होने वाली सेवा तथा अन्य आवश्यक सामग्रियों को एकत्रित करने में जुट गया। निर्णय के मुताबिक जैसे ही सुबह भोग आरती हुई और साफ-सफाई के बाद श्रद्धालुओं के मंदिर के निकलते ही मुख्य गेट सहित सभी पांच द्वारों पर ताले लटका दिए गए। यहां पर मौजूद गार्डों को सख्त हिदायत दी गई कि वह किसी के लिए भी गेट ना खोलें।
मंदिर के बंद होने संबंधी जानकारी देते हुए इस्कॉन के अध्यक्ष पंचगौड़ा दास ने बताया कि कोरोना वायरस को लेकर मंदिर को बुधवार दोपहर एक बजे से 31 मार्च तक बंद कर दिया गया है। यह केवल कोरोना से बचाव के लिए किया जा रहा है। उनके साथ मौजूद श्री राम पंडित ने बताया कि इस दौरान प्रभुपाद जी की तथा ठाकुर जी की सेवा यथावत चलती रहेगी।
बाहर जाने पर होगा चिकित्सकीय परीक्षण
कोरोना में इस्कॉन ने अति संवेदनशीलता बरती है। जिसके चलते मंदिर के अंदर बने ब्रह्मचारी आश्रम के लगभग 60 ब्रह्मचारी बाहर नहीं जा सकेंगे। उन्हें सब कुछ अंदर ही करना होगा। विशेष परिस्थितियों में यदि कोई जाना चाहेगा तो उसका चिकित्सकीय परीक्षण किया जाएगा और लौटते समय भी ऐसा ही होगा। इसके अलावा मंदिर में पीआरओ विभाग के लोग तथा अन्य सेवादार भी अंदर ही रहेंगे वह बाहर नहीं आ पाएंगे। इस्कॉन के पीआरओ सौरभ दास ने बताया कि यदि अंदर का कोई व्यक्ति बाहर जाएगा तो उसका जाते और आते समय चिकित्सकीय परीक्षण किया जाएगा।
15 पुजारी करेंगे अष्टयाम सेवा
मंदिर के अंदर 60 ब्रह्मचारियों में से ही 15 पुजारियों द्वारा मंदिर के अंदर मौजूद गौर निताई, कृष्ण-बलराम और राधा श्याम सुंदर प्रभु की अष्टयाम सेवा की जाएगी। यह लोग भी अंदर हैंड ग्लब्स पहने रहेंगे। इनके द्वारा सुबह 4:10 बजे आरती प्रारंभ करके 4:30 पर मंगला आरती, 7:15 पर दर्शन आरती, 12 बजे भोग आरती, 4:30 बजे उद्यापनी आरती, 7:00 बजे गौर आरती तथा 8:30 बजे शयन आरती की जाएगी।
प्रभुपाद जी की समाधि सेवा भी चलेगी यथावत
इस दौरान प्रभुपाद जी की सेवा भी यथावत चलती रहेगी। यहां पर भी प्रभुपाद जी की आठों याम की सेवा ही चलती है। यहां की सेवा भी ब्रह्मचारी ही मौजूद रहेंगे।
हर दिन 50 किलो फूलों को सैनिटाइजेशन कर लिया जाएगा अंदर
ठाकुर जी की सेवा में हर दिन लगभग 50 किलो फूलों का शृंगार होता है। इस श्रृंगार के लिए हर दिन बाहर से फूल आते हैं। मंदिर के अधिकारियों द्वारा इन फूलों को मंदिर के बाहर ही रोक दिया जाएगा। फूलों का सैनिटाइजेशन करने के बाद ही उन्हें अंदर लिया जाएगा।
केवल फूल ही नहीं मंदिर में आने वाले प्रत्येक खाद्य सामग्री को जैसे कि सब्जी आदि को भी सैनिटाइजेशन के बाद ही अंदर लिया जाएगा। पीआरओ के अनुसार तीन-तीन दिन तक का सामान खरीद लिया गया है। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन दूध भी इसी तरह से मंदिर के अंदर लिया जाएगा। मंदिर के अंदर जो भी लोग मौजूद हैं उनको कोरोना के खतरे से बचाने के लिए मंदिर में ही कोरोटाइन जोन विकसित किया है। अंदर मौजूद चिकित्सक द्वारा हर दिन सभी की जांच की जाएगी। संदिग्ध पाए जाने पर इसे कोरोटाइन जोन में रखा जाएगा। इसमें रहने वाले व्यक्ति के लिए सभी सुविधा अंदर हीं होंगी।
इस्कॉन अध्यक्ष रहेंगे बाहर
इस्कॉन के अध्यक्ष पंचगौड़ा दास इस्कॉन के बाहर रहते हैं ऐसे में मंदिर में एक दफा ताला लगने के बाद वह स्वयं भी बिना चिकित्सकीय परीक्षण के प्रवेश नहीं कर सकेंगे।
साभारः अमर उजाला फ़ाइल् फोटो ,क्रेडिट बाय गूगल