अयोध्या : रामलला के अस्थायी मंदिर का स्वरूप अब निखरने लगा है। दर्शनार्थी थोड़ा सा ध्यान लगाएं तो रामलला के दर्शन करके निकलते वक्त जैसे ही लोहे का जाल पार करेंगे, वैसे ही दाईं तरफ आकार ले रहे अस्थायी राममंदिर के दर्शन होंगे।
भगवा रंग में सज रहे इस मंदिर का पहला घेरा लोहे के गर्डर में जालीयुक्त है, तो दूसरा लकड़ी का है। आखिरी घेरे में भव्य बुलेटप्रूफ फाइबर का मंदिर है, जिसमें रामलला विराजमान होंगे। प्रवेश के लिए सिर्फ पूर्व दिशा से एक मार्ग बन रहा है।
मंदिर के आकार लेने के साथ ही केंद्रीय गृह मंत्रालय का सुरक्षा ब्लूप्रिंट भी सामने आने लगा है। दरअसल, अस्थायी राममंदिर को सुरक्षा की दृष्टि से अतिसंवेदनशील होने के कारण इसके वास्तविक स्वरूप व प्रयुक्त हो रही सामग्री को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बेहद गोपनीय रखा है।
लेकिन बुधवार को मौके पर लगभग 70 फीसदी आकार ले चुके मंदिर का स्वरूप नजर आने लगा है। सबसे पहले करीब 50 फुट ऊंचा और 60 गुणा 60 फुट वर्गाकार में लोहे के मजबूत गर्डर का घेरा बनाया गया है।
इस घेरे को लोहे की मजबूत जाली से ऊपर समेत चारों तरफ से इस कदर वेल्ड किया गया है कि चिड़िया भी न घुस सके। इसके भीतर पूर्व मुखी मंदिर के चबूतरे का पिछला हिस्सा जाल से सटा है। फिर तीन फुट ऊंचे चबूतरे पर 24 गुणा 17 फुट का विदेशी मजबूत मलेशियन लकड़ी का करीब 25 फुट ऊंचा मंदिर नुमा फाउंडेशन के साथ पूरा ढांचा खड़ा किया गया है। इसे चारों तरफ से लकड़ी की पट्टी से पैक किया जा रहा है। अंदर जाने का एक मात्र द्वार पूर्व दिशा में है।
आज दिया जाएगा अंतिम रूप
सूत्रों का कहना है कि राममंदिर को अंतिम टच देने का काम बृहस्पतिवार को होगा, जब सबसे अंदर का आखिरी सुरक्षा घेरा वाला मुख्य मंदिर का भव्य स्वरूप बुलेटप्रूफ फाइबर से बनेगा। इस मंदिर में एक मात्र पूर्व दिशा की ओर का गेट भी बुलेटप्रूफ होगा। मंदिर में तीन गेट होंगे, दूसरा लकड़ी का और तीसरा मजबूत लोहे का होगा। भक्तों की सुरक्षा व बंदरों से बचाव के लिए दर्शन मार्ग को भी पूरी तरह लोहे के गर्डर में जाली लगाकर पैक किया गया है। लोहे की गर्डर व जाली जहां भगवा रंग से रंगने का काम शुरू हुआ है। वहीं लकड़ी का सामान गृह मंत्रालय की टीम दिल्ली से ही भगवा रंग का ले आई थी।
कोरोना से बचाव का भी होगा प्रबंध
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने कहा कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए भी सेनेटाइजेशन व हाथ धुलने के प्रबंध ट्रस्ट की ओर से किए जाएंगे। रामलला का लाइव दर्शन कराने की योजना जल्द मूर्त रूप ले सकती है।
(साभार : अमर उजाला )