प्रतिबंधित क्षेत्र में सैकड़ों लोगों का प्रवेश कर सत्ता बल का निर्लज्ज प्रदर्शन करना राजभवन और राज्यपाल पद की गरिमा और सम्मान से अक्षम्य खिलवाड़ : मूणत
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने प्रदेश कांग्रेस की राजधानी में आहूत रैली को अपने सत्ताबल और कपटपूर्ण राजनीतिक आचरण का बेहद शर्मनाक प्रदर्शन निरूपित करते हुए कहा है कि अपने राज्य के अन्नदाता किसानों के आँसुओं पर जिस प्रदेश सरकार और कांग्रेस की संवेदनाएँ नहीं जाग रही है, वह सरकार और कांग्रेस अपने नाकारापन पर पर्दा डालने के लिए उन कृषि क़ानूनों को लेकर विलाप करने में लगी है, जिसका वादा ख़ुद कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव में अपने घोषणापत्र में देश से किया था। श्री मूणत ने कहा कि वस्तुत: आज कांग्रेस का नेतृत्व बौना और दुविधाग्रस्त है और विचारशील नेतृत्व आइसोलेट हो गया है। प्रदेश में किसानों की तक़लीफ़ और कोरोना संक्रमण की चिंता करना छोड़ अब प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस के तमाम नेता ‘परिवार’ की फसल बचाने की चिंता में लगे हैं!
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री श्री मूणत ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस और सरकार के लोग इस तरह की सियासी नौटंकियाँ करके किसानों को बरगलाने के लाख जतन करें, पर प्रदेश में धान ख़रीदी के पूरे सिस्टम को चौपट करने और किसानों का पूरा धान ख़रीदने से बचने के अपने साजिशाना राजनीतिक एजेंडे पर चल रही प्रदेश सरकार को अपने कर्मों का फल तो भोगने के लिए तैयार रहना ही होगा। श्री मूणत ने कहा कि आज कांग्रेस न तो कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र तय गाइडलाइन का पालन कर रही है और न ही राजभवन से जुड़े क़ायदों को मान रही है। कांग्रेस ने शुक्रवार को प्रतिबंधित क्षेत्र होने के बावज़ूद राजभवन में सैकड़ों लोगों के साथ नारेबाजी और पुलिस के साथ झूमाझटकी करके कांग्रेस ने अपने सत्ता बल का निर्लज्ज प्रदर्शन किया। यह राजभवन और राज्यपाल पद की गरिमा और सम्मान से खिलवाड़ का अक्षम्य राजनीतिक आचरण है। प्रशासन भी कांग्रेस के सत्ता बल के आगे समर्पण की मुद्रा में रहा। श्री मूणत ने इस बात के लिए भी कांग्रेस नेताओं पर कटाक्ष किया कि कृषि क़ानूनों की मुख़ालफ़त के लिए ट्रैक्टर जलाने का घिनौना कृत्य कर चुकी कांग्रेस आज ट्रैक्टर रैली निकालकर अपनी जो जगहँसाई करा रही है, उसे प्रदेश का किसान बख़ूबी समझ रहा है। श्री मूणत ने तंज कसा कि एक तरफ़ कांग्रेस के लोग कृषि क़ानूनों के नाम पर झूठ और नफ़रत फैला रहे हैं, वहीं कांग्रेस शासित पंजाब की राज्य सरकार ने कृषि क़ानूनों को यथावत लागू करके कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ चल रहे आंदोलन को टाँय-टाँय फिस्स कर दिया है और अपनी पंजाब सरकार के इस क़दम के बाद अब कांग्रेस के सामने साँप-छुछुंदर वाली गति हो गई है। प्रदेश के कांग्रेस नेता अपनी नौटंकियों के वामपंथी स्क्रिप्ट राइटर्स की कठपुतली बनने से बचें।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री श्री मूणत ने कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ कांग्रेस के आंदोलन को वैचारिक दरिद्रता से उपजी राजनीतिक कुंठा का विफल प्रदर्शन बताया और कहा कि कृषि विधेयकों का विरोध करके कांग्रेस ने एक बार फिर अपने दोहरे राजनीतिक और किसान विरोधी चरित्र का ही परिचय देते हुए यह साबित कर दिया है कि किसानों के नाम पर कांग्रेस केवल राजनीति करती आई है और किसानों के बेहतर भविष्य की बात तो न उसने कभी सोची और न ही वह किसानों का भला कर सकती है। श्री मूणत ने कांग्रेस के विरोध-प्रदर्शन पर तीखा कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर केवल और केवल झूठ और भ्रम फैलाती ख़ुद ही झूठी और भ्रमित हो रही है और उसे यह सूझ ही नहीं रहा है कि कृषि विधेयकों पर आख़िर वह क्या रुख़ अपनाए? श्री मूणत ने कहा कि पंजाब में उसका नज़रिया इन विधेयकों को लेकर अलग है तो मध्यप्रदेश में वह मंडी टैक्स के मुद्दे पर आढ़तियों-दलालों के साथ खड़ी है, छत्तीसगढ़ में वह मंडी टैक्स ख़त्म करने को तैयार नहीं है और मुख्यमंत्री बघेल हर बार अपनी सरकार के किसान विरोधी होने का प्रमाण ख़ुद ही दे रहे हैं। श्री मूणत ने कहा कि कर्ज़माफ़ी और बकाया बोनस भुगतान के मामले में राजनीतिक कुटिलता का प्रदर्शन कर वादाख़िलाफ़ी करने वाली प्रदेश सरकार और कांग्रेस यह स्पष्ट करे कि विधानसभा चुनाव के समय राहुल गांधी ने जो वादे किए थे, उन पर क्या हो रहा है और यह भी कि राहुल गांधी सच्चे हैं या फिर मुख्यमंत्री बघेल की सियासी लफ़्फ़ाजियाँ? धान ख़रीदी के नाम पर किसानों के आत्म-सम्मान के साथ क्रूर खिलवाड़ करने वाली प्रदेश सरकार समर्थन मूल्य की राशि का किश्तों में भुगतान कर किसानों को खून के आँसू रुला रही है।