नई दिल्ली : भारत और जापान ने आज सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। केन्द्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवंसूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद और जापान के आंतरिक मामलों एवं संचार मंत्री श्री तकेदा रायोटा ने आज इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए और एक वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से इसका आदान-प्रदान किया।
भारत सरकार का दूरसंचार विभागऔरजापान सरकार का संचार मंत्रालय 5जी से जुड़ी प्रौद्योगिकियों, दूरसंचार सुरक्षा, भारत के द्वीपीय क्षेत्रों के लिए सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल प्रणाली, स्पेक्ट्रम प्रबंधन, स्मार्ट सिटी, संचार की दृष्टि से अछूते बहुत ऊंचाई वाले इलाकों में ब्रॉडबैंड की सुविधा प्रदान करने, आपदा प्रबंधन और सार्वजनिक सुरक्षा आदि के क्षेत्र में आपसी सहयोग बढ़ायेंगे। इस बात परभी सहमति बनी कि मंत्रालय स्तर के सहयोग के अलावा, जापान के उद्योग जगत के भागीदारों के साथ सी-डॉट और आईटीआई लिमिटेड जैसे भारत सरकार के संगठनभी इस सहयोग का हिस्सा होंगे।
इस अवसर पर बोलते हुए केन्द्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल के जरिए अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह को जोड़ने के कामको समय पर पूरा किये जाने को भारत और जापान के बीच सहयोग के एक महान उदाहरण के रूप में रेखांकित किया। उन्होंने संबोधन में आगे कोविड-19 महामारी के दौरान भारत द्वारा आरोग्यसेतु ऐप, इंडिया पोस्ट द्वारा लोगों को उनके घरों में हीनकदी के भुगतान के लिएआधार समर्थित भुगतान प्रणाली के उपयोग, भारत के न्यायालयों में डिजिटल सुनवाई और डिजिटल भुगतानमें तेज बढ़ोतरी जैसे नवीन डिजिटल प्रौद्योगिकियों को तेजी से अपनाये जाने का भी उल्लेख किया। उन्होंने आगे बताया कि कोविड-19 के दौरान, पीएलआई और एसपीईसीएस जैसी आकर्षक नीतियों के कारण इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर भारत में निवेश आए हैं। उन्होंने जापान के इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योगसे भारत में निवेश करने और नई तकनीकों का लाभ उठाने का आग्रह किया। केन्द्रीय मंत्री ने 5जी और 5जी आधारित सेवाओं, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, डिजिटल स्वास्थ्य सेवा आदि के क्षेत्र में जापानी निवेशकों के लिए भारत में मौजूद अपार संभावनाओं पर प्रकाश डाला।
जापान के मंत्री श्री तकेदा रायोटा ने भारत और जापान के बीच इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने पर प्रसन्नता व्यक्त की और आपसी सहयोग तथाभारत में निवेश के बारे में जापान सरकार की प्रतिबद्धता जतायी।