पढ़ई तुंहर दुआर के नवाचारों को किया साझा


राष्ट्रीय शिक्षा नीति क्रियान्वयन के मुद्दों की समीक्षा

रायपुर, 02 दिसम्बर 2020/ भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा आज राज्यों के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन से संबंधित मुद्दों पर समीक्षा की गई। छत्तीसगढ़ द्वारा कोविड-19 के वजह से स्कूलों के लॉकडाउन होने से लागू किए गए मॉडल ’पढ़ई तुंहर दुआर’ के अंतर्गत किए जा रहे नवाचारों को साझा किया गया। बैठक में राज्यों को शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के परिप्रेक्ष्य में किए जा रहे नवाचारों, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में आ रही चुनौतियों एवं अभी तक राज्यों द्वारा इस दिशा में किए गए कार्यों को साझा किया गया। बैठक में भारत सरकार शिक्षा मंत्रालय, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग की सचिव सुश्री अनीता करेवाल, संयुक्त सचिव श्री मनीष गर्ग और संचालक सुश्री राशि शर्मा उपस्थित थी। 
छत्तीसगढ़ राज्य के संचालक लोक शिक्षण संचालनालय श्री जितेन्द्र शुक्ला और संचालक राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद श्री डी. राहुल वेंकट ने वर्चुअल समीक्षा बैठक में बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत प्रस्तावित विभिन्न क्षेत्रों जैसे डिजिटल लर्निंग, कक्षा शिक्षण के तकनीकी का उपयोग, वालेंटियर के माध्यम से सीखने में सहयोग, आकलन में सुधार, शिक्षण-प्रशिक्षण में ब्लेंडेड पद्धति का उपयोग, बच्चों की भाषा में सिखाने का प्रयास, मूलभूत पठन और गणितीय कौशलों में विशेष ध्यान देकर कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा विभिन्न सुझावों को राज्य में पढ़ई तुंहर दुआर के अंतर्गत लागू किया गया है। 
छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन और चुनौतियों के संबंध में फाउंडेशनल लिटरेसी में निर्धारित लक्ष्य को समय पर प्राप्त करने, स्कूलों में मध्यान्ह भोजन के साथ-साथ सुबह का नास्ता देेने के प्रावधान, इसमें लगने वाला समय और संसाधन, स्कूलों का सुबह 10 बजे खुलना और नास्ता वितरण में विलंब होना प्रमुख हैं। इसके अलावा स्कूलों में विद्यार्थियों को विशेष चयन में लचीलापन होने पर योग्यता के अनुसार योग्य शिक्षकों की मांग के आधार पर उपलब्धता सुनिश्तिच करना, बच्चों की मातृभाषा में कक्षा 5वीं एवं उसके आगे की कक्षाओं की शिक्षा संबंधित मुद्दों पर ठोस रणनीति की आवश्यकता है। 
छत्तीसगढ़ राज्य में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है। इसके अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के लिए टास्क फोर्स गठित की गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *