नोटिस को गंभीरता से नहीं लेने वालों को पुलिस अभिरक्षा में आयोग के समक्ष उपस्थित किया जाएगा
रायपुर, 02 दिसम्बर 2020/ छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने आज विभिन्न जिलों की महिलाओं द्वारा दिए गए आवेदनों की आयोग के कक्ष में सुनवाई की। आयोग की अध्यक्ष ने एक प्रकरण में कार्यस्थल पर वरिष्ठ अधिकारी द्वारा प्रताड़ित करने संबंधी आवेदन की सुनवाई करते हुए जांच हेतु अन्वेषण समिति गठित कर दो माह के भीतर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने कहा। इस प्रकरण में आवेदिका द्वारा प्रस्तुत आवेदन में कार्यस्थल पर जानबूझकर परेशान करने, कार्यदिवस और अवकाश के दिनों में काम करने के बाद भी वेतन में कटौती, कार्यस्थल में कार्यरत अन्य डॉक्टरों को अवकाश और भेदभाव करने संबंधी शिकायतों पर गठित समिति जांच करेगी।
कांकेर जिला निवासी आवेदिका द्वारा ससुराल पक्ष पर दहेज प्रताड़ना, मारपीट करने, जान से मारने की धमकी और पति द्वारा की गई अन्य प्रताड़ना संबंधी आवेदन की सुनवाई की गई। इस प्रकरण में उपस्थित पति के ऊपर शून्य पर अपराध दर्ज करते हुए प्रकरण संबंधित क्षेत्र के थाने को कार्रवाई के लिए भेजने के निर्देश दिए।
संपत्ति विवाद के एक अन्य प्रकरण में अनावेदक की अनुपस्थिति पर आयोग की अध्यक्ष ने गंभीर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि आयोग के नोटिस को गंभीरता से नहीं लेना, न्याय प्रक्रिया को बाधित करता है। अगली सुनवाई में अनावेदक को पुलिस अभिरक्षा में आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। सुनवाई के दौरान प्रस्तुत प्रकरणों में शारीरिक शोषण, मानसिक प्रताड़ना, दहेज प्रताड़ना, संपत्ति विवाद आदि से संबंधित थे। जिलों से प्राप्त आवेदनों की सुनवाई की कार्रवाई सोशल और फिजिकल डिस्टेंसिंग एवं सेनेटाईजर का उपयोग करते हुए की गई।