रायपुर/19 नवंबर 2020। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार के फैसलों ने प्रदेशवासियों में नई आशा और उत्साह भर दिया है। किसानों, आदिवासियों, गरीबों, मजदूरों सहित अन्य वर्गों के हित में लिए जा रहे निर्णयों से जहां छत्तीसगढ़ की ग्रामीण कृषि आधारित अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है, वहीं राज्य के उद्योग और व्यवसाय भी फलने-फूलने लगे हैं। मुख्यमंत्री के संवेदनशील प्रयासों से समृद्ध और खुशहाल छत्तीसगढ़ गढऩे का सपना साकार होने की उम्मीद जगी है। भाजपा के पन्द्रह सालों के कार्यकाल के मुकाबले भूपेश सरकार ने अपने 22 महीने के कार्यकाल में जन हितैषी योजनाओं से लोगों की आकांक्षाओं को पूरा कर उनका विश्वास जीतने में सफलता पाई है।
कांग्रेस प्रवक्ता मोहम्मद असलम ने विज्ञप्ति में बताया कि भूपेश सरकार ने अपने अल्प कार्यकाल में ही जिस तरह के निर्णय लिए उससे किसान, मजदूर व गरीब वर्ग को सीधा लाभ मिला है, जिससे सरकार के कामकाज व व्यवस्था के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है। किसान कर्जमाफी, किसान न्याय योजना, नरवा-गरवा अऊ घुरवा, गोघन न्याय योजना, खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना व तेंदूपत्ता संग्राहकों को त्वरित भुगतान जैसे फैसलों और योजनाओं से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की संवेदनशीलता और विकासपरक सोच की झलक मिलती है। छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासतों को सहेजते हुए मुख्यमंत्री ने जमीनी हकीकतों पर केन्द्रित विकास का छत्तीसगढ़ी माडल विकसित किया, जिसके केन्द्र में किसान, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और जरूरतमंद लोग हैं। उन्होंने गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ माडल से अंचल की चार चिन्हारी नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी के विकास को गांवों के विकास का माध्यम बनाया है। भूपेश सरकार की आर्थिक नीतियों के कारण ही कोरोनाकाल में लॉकडाउन के दौरान, जब देश के दीगर हिस्सों में आर्थिक गतिविधियां ठप थी, तब छत्तीसगढ़ आर्थिक मंदी से बचा रहा। छत्तीसगढ़ का दिल गांवों में बसता है। लिहाजा यह कहना अनुचित नहीं होगा कि भूपेश सरकार के फैसलों ने गांवों में बसे छत्तीसगढ़ का दिल जीत लिया है। गांवों में सरकार के फैसलों से नई उम्मीदें जागी है। राज्य सरकार द्वारा किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए 25 सौ रुपए क्विंटल पर धान की खरीदी, कर्जमाफी और सिंचाई कर की माफी से खेती से विमुख हो रहे लोगों ने फिर से खेती की ओर रूख किया। ’राजीव गांधी किसान न्याय योजना्य के तहत राज्य सरकार किसानों को आदान सहायता राशि के रूप में चार किश्तों में 5750 करोड़ की राशि दे रही है। इसकी 15-15 सौ करोड़ की तीन किश्ते दी जा चुकी हैं।
मोहम्मद असलम ने कहा कि मुख्यमंत्री ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए सुराजी गांव योजना लागू की। देश में पहली बार गोबर की खरीदी के लिए गोधन न्याय योजना शुरू की। मुख्यमंत्री के इस निर्णय से पशुपालकों को आर्थिक संबल मिला है। गांवों में गौठान और रोकाछेका की व्यवस्था से फसलों की सुरक्षा और गौवंश का संरक्षण सुनिश्चित हो सकेगा। गौठानों में खरीदे जाने वाले गोबर से वर्मी कम्पोस्ट तैयार कर इसकी बिक्री सहकारी समितियों के माध्यम की जाएगी, इससे प्रदेश जैविक खेती की ओर बढ़ेगा और ग्रामीणों को रोजगार का अवसर भी मिलेगा। गांव के लोगों को रोजगार से जोडऩे के लिए गौठानों में युवाओं की आर्थिक गतिविधि के लिए एक एकड़ जमीन की व्यवस्था की गई है। नरवा कार्यक्रम में 13 सौ नालों के पुनर्जीवन के लिए कार्य योजना तैयार की गई है। इन योजनाओं के पूरा होने पर सतही जल का उपयोग सिंचाई के लिए किया जाएगा, इससे भूजल का स्तर बढ़ेगा वहीं पर्यावरण सुधरेगा। गांवों में बाड़ी कार्यक्रम और घुरवा के जरिए जैविक खाद और जैविक सब्जी और फल का उत्पादन हो सकेगा। उन्होंने किसानों को बेहतर सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने पांच वर्षों में प्रदेश में वर्तमान सिंचाई क्षमता दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने धान खरीदी का कोटा बढ़ाकर 90 लाख मीट्रिक टन कर दिया है जो उनके किसानों के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है।