बलौदाबाजार – कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिये जिले में जारी लॉक डाउन की मियाद 6 तारीख के बाद आगे नहीं बढ़ाई जाएगी। दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान कल 7 तारीख से कोरोना की रोकथाम के नियमों का पालन करते हुये संचालित हो सकेंगी। दुकानें सवेरे 8 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक खुली रह सकती हैं। जिला कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन ने बताया कि कोरोना महामारी का संकट अभी टला नहीं है। रोजाना बड़ी संख्या में प्रकरण सामने आ रहे हैं। इसलिये हम सभी को पहले से और ज्यादा सजग और सावधान रहने की जरूरत है। संक्रमण की रोकथाम में सामुदायिक भागीदारी की अहम भूमिका है। सभी को मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना अनिवार्य है। कोरोना से बचाव का यही एक प्रभावी उपाय है। लोगों में कोरोना के बचाव से सम्बंधित तमाम उपायों के बारे में पर्याप्त जागरूकता हो चुकी है। बावजूद इसके पालन नहीं किये जाने पर जान बुझकर कानून की अवज्ञा किये जाने के आरोप में कठोर कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने व्यापारियों को भी बगैर मास्क पहने सामान लेने आये ग्राहकों को सामग्री नहीं बेचने के निर्देश दिए हैं।
होटल व किराना व्यवसाय पर असर
बलौदा बाजार जिले के अंतर्गत गांवो व कस्बों में संचालित किराना दुकान व होटल व्यवसायियों की स्थिति भी देखने लायक है बता दे की जिलाधीश के निर्देशानुसार कोरोना आपदा में संक्रमण के रोकथाम हेतु नियम निर्देश के साथ व्यवसाइयों के लिए समय निर्धारण किया गया था। जिसके चलते कुछ व्यवसायों पर इसका खासा प्रभाव देखने को मिला साथ ही उनके व्यवसाय पर भी असर पड़ा जिले के आसपास के गांवों में जंहा दर्जनों गांव के लोग खरीदी बिक्री के लिए आते है , उन्हें कोरोना संकट ने पूरी तरह से तबाह कर डाला ऐसा सब्जी व कामगार लोगो का कहना है जंहा तक बात करें तो कुछ ऐसे ग्राम पंचायत है जहां कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि हुई है वहां पंचायत प्रतिनिधियों व ग्रामीणों के राय मशवरा के अनुसार दुकानों को खोलने वह बंद रखने के लिए समय निर्धारित किया गया है वही ग्राम पंचायत अर्जुनी में सुबह 7:00 से लेकर 2:00 बजे तक दुकान हुआ हाट बाजार खोलने की अनुमति प्रदान की गई है जिसके मद्देनजर होटल व्यवसायियों का कहना है कि सामान बनाने व अंदर रखने तक हमारा 2 से 3 घंटे का समय सामान बनाए जाने में ऐसे ही चला जाता है साथ ही आसपास के गांव से ग्राहकी ना आने के कारण होटल व्यवसाय पर बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ रहा है जिससे ना तो हमारी आमदनी उचित हो रही है और ना ही हम कर्मचारियों के वेतन भुगतान समय पर कर पा रहे है ,हर ओर से निराशा ही हाथ आ रही है ,साथ ही इस समय जीवन यापन हेतु बेहद जद्दोजहद करना पड़ रहा है।