रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार में पर्यटन विभाग में संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने आज कहा, देश के अर्थ व्यवस्था में पर्यटन से 10% की हिस्सेदारी होती है, जो अपने आप में एक बड़ी हिस्सेदारी है। छत्तीसगढ़ पर्यटन के हिसाब से अनुकूल होने के बावजूद बीते 15 सालों में पर्यटन इंडस्ट्री के रूप में छत्तीसगढ़ खड़ा नहीं हो पाया है। विकास उपाध्याय ने अधिकारियों से कहा है वे पर्यटन को नए सिरे से विकसित करने टूरिज्म कॉरिडोर बनाये जाने विलम्ब न करें और यह सुनिश्चित करें की प्रदेश के अर्थव्यवस्था में पर्यटन से कम से कम 8% की हिस्सेदारी हो सके।
विकास उपाध्याय ने आज पर्यटन विभाग को लेकर बड़ा बयान दिया है। संसदीय सचिव उपाध्याय ने विभाग के अधिकारियों से कहा है वे नई पर्यटन नीति के अनुरूप कार्ययोजनाओं को अंतिम रूप दें ताकि छत्तीसगढ़ में पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अवसर दे सकें। विकास उपाध्याय ने कहा देश में पर्यटन का क्षेत्र तेजी से बड़ रहा है। जिसको देखते हुए छत्तीसगढ़ में पर्यटन के विकास हेतु भूपेश सरकार ने बजट में 75% की वृद्धि की है। विकास उपाध्याय ने छत्तीसगढ़ के एक एक पर्यटन स्थलों को चिन्हांकित कर उसके प्रचार प्रसार में जोर देने की बात की है। प्रचार-प्रसार की कमी से पर्यटन स्थलों की ब्रांडिंग नहीं हो पाना हमारी कमी है। उन्होंने सुझाव दिया है कि विभाग पर्यटन के वेव पोर्टल को और भी अत्याधुनिक बनाये ताकि अन्य प्रान्तों के लोग वहीं से घर बैठे एक एक स्थल की बारीकी से खोज कर सकें। विकास ने यह भी कहा कि प्रदेश के बाहर लोगों की मानसिकता छत्तीसगढ़ को लेकर ये रही है कि पूरा प्रदेश नक्सल प्रभावित है और पर्यटक डर व भय की वजह से छत्तीसगढ़ की ओर रुख नहीं करते। इस मानसिकता को बदलना हमारे लिए बड़ी चुनौती के साथ ही जरूरत भी है।
विकास उपाध्याय ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्रीय बजट में ढाई हजार करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान देश के सभी पर्यटन स्थलों के लिए किया गया है। जिसमें छत्तीसगढ़ को एक ढेला भी नहीं मिला।इस कमी को पूरा करने विकास उपाध्याय ने छत्तीसगढ़ की नई पर्यटन नीति में निजी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए और प्रयास किये जाने की बात कही है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि पिछली सरकार की खामियों को दूर करते हुए ज्यादा से ज्यादा निजी भागीदारी को प्रोत्साहन देने की योजना निश्चित रूप से कारगर साबित होगी।
विकास ने कहा ज्यादातर टूरिस्ट स्पॉट पर अभी भी बुनियादी सुविधाएं नहीं है। प्रदेश के पर्यटन स्थलों के बारे में सभी प्लेटफॉर्म पर जानकारी मुहैया कराई जाए, ताकि देश और विदेश के मेहमान हमारे पर्यटन स्थलों को अच्छी तरह एक्सप्लोर कर सकें। सैलानियों को स्तरीय सुविधाएं देने रोड मैप बनाई जाए, जिससे वे जब यहां से वापस जाएं, तो हमारे स्थलों के बारे में लोगों काे भी बताएं। पर्यटन मंडल के जितने भी मोटल व रिसॉर्ट हैं, उन्हें अपग्रेड किया जाए। एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएं मुहैया कराए जाने पर भी काम हो। इसमें करेंसी एक्सचेंज और छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों पर घूमने-फिरने से जुड़ी तमाम जानकारियां उपलब्ध कराई जाएं। प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल में से चित्रकोट जलप्रपात,तीरथगढ़ जलप्रपात,
कांगेर वैली नेशनल पार्क,बारसूर गणेश मंदिर,सिरपुर,गंगरेल डैम वाटर स्पोर्ट्स,अचानकमार टाइगर रिजर्व,मैनपाट,गिरौदपुरी धाम
,भोरमदेव मंदिर को और भी अपग्रेड किया जाए।