नई दिल्ली : एक ऐतिहासिक कदम, साहसिक पहल और ऐतिहासिक निर्णय में, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) एमएसएमई के वर्गीकरण और पंजीकरण के लिए दिशानिर्देश के रूप में एक समेकित अधिसूचना के साथ सामने आया है। इस बात पर गौर किया जा सकता है कि मंत्रालय ने निवेश और कारोबार के आधार पर एमएसएमई के वर्गीकरण के लिए नए मानदंडों के साथ 1 जून, 2020 को एक अधिसूचना प्रकाशित की थी। यह भी कहा गया कि यह 1 जुलाई, 2020 से प्रभावी होगी।
तदनुसार, एमएसएमई मंत्रालय अगले महीने से नए मानदंडों को लागू करने की दिशा में आगे बढ़ा है। इस उद्देश्य के लिए, मंत्रालय ने जून के महीने में विभिन्न हितधारकों के साथ कई बार सलाह मशविरा किया जिनमें सलाहकार समिति, आयकर, जीएसटी, राज्य सरकारों के अधिकारी और एमएसएमई संघ शामिल थे।
उसी के आधार पर, एमएसएमई मंत्रालय ने 26 जून, 2020 को एक विस्तृत अधिसूचना जारी की।
यह अधिसूचना एमएसएमई के वर्गीकरण के लिए विस्तृत मानदंड और पंजीकरण की प्रक्रिया और इस प्रक्रिया में सुविधा के लिए मंत्रालय द्वारा की गई व्यवस्था की जानकारी देती है।
इस अधिसूचना की एक और खास बात यह है कि यह एमएसएमई के वर्गीकरण या पंजीकरण के संबंध में पूर्व में जारी की गई सभी अधिसूचनाओं का स्थान लेती है। अब, उद्यमियों, उद्यमों और एमएसएमई को वर्गीकरण या पंजीकरण से संबंधित मामलों के लिए सिर्फ इस अधिसूचना का उल्लेख करना होगा।
अधिसूचना यह भी कहती है कि इसके बाद, एक एमएसएमई को उद्यम के नाम से जाना जाएगा, क्योंकि यह एंटरप्राइज़ शब्द के अधिक करीब है। फलस्वरूप, पंजीकरण की प्रक्रिया को उदयम पंजीकरण के नाम से जाना जाएगा।
एक अन्य ऐतिहासिक और साहसिक निर्णय में, मंत्रालय ने यह भी अधिसूचित किया है कि:
उद्यम पंजीकरण स्व-घोषणा के आधार पर ऑनलाइन कराया जा सकता है। इसके लिए किसी दस्तावेज, कागजात, प्रमाण पत्र या प्रमाण को अपलोड करने की आवश्यकता नहीं है।
अधिकारियों ने कहा कि यह संभव है क्योंकि उद्यम पंजीकरण प्रक्रिया पूरी तरह से आयकर और जीएसटी प्रणाली के साथ जुड़ गई है और इसमें भरे गए विवरणों को पैन नंबर या जीएसटीआईएन विवरण के आधार पर सत्यापित किया जा सकता है।
अधिसूचना की अन्य मुख्य बातों में शामिल हैं:
एक उद्यम को केवल आधार संख्या के आधार पर पंजीकृत किया जा सकता है। अन्य विवरण किसी भी कागजात को अपलोड करने या जमा किए बिना स्व-घोषणा के आधार पर दिए जा सकते हैं- इस प्रकार यह सही अर्थों में एक कागज रहित प्रक्रिया है;
जैसा कि पहले घोषित किया गया था, संयंत्र और मशीनरी या उपकरण में निवेश और ‘कारोबार’ अब एमएसएमई के वर्गीकरण के लिए बुनियादी मानदंड हैं;
अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि किसी भी उद्यम चाहे सूक्ष्म, लघु अथवा मध्यम हो, उसके कारोबार की गणना करते समय वस्तुओं या सेवाओं या दोनों के निर्यात को बाहर रखा जाएगा;
पंजीकरण की प्रक्रिया को पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन किया जा सकता है, जिसे 1 जुलाई, 2020 से पहले जनता को सूचित किया जाएगा, जिस तारीख से यह नई व्यवस्था प्रभावी होने जा रही है। एमएसएमई मंत्रालय ने एमएसएमई के लिए एक मजबूत सुविधा तंत्र स्थापित किया है। यह प्रक्रिया जिला स्तर और क्षेत्रीय स्तर पर सिंगल विंडो सिस्टम के रूप में है। यह उन उद्यमियों की मदद करेगा जो किसी भी कारण से उदयम पंजीकरण दर्ज करने में सक्षम नहीं हैं। जिला स्तर पर, जिला उद्योग केन्द्रों को उद्यमियों की सुविधा के लिए जवाबदेह बनाया गया है। इसी तरह, मंत्रालय ने देश भर में चैंपियंस कंट्रोल रूम की हाल की पहल को पंजीकरण और इसके बाद भी उद्यमियों को सुविधा प्रदान करने के लिए कानूनी रूप से जवाबदेह बनाया है।
जिन लोगों के पास वैध आधार नंबर नहीं है, वे भी आधार नामांकन अनुरोध या पहचान, बैंक फोटो पासबुक, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस के साथ सिंगल विंडो सिस्टम सुविधा के लिए संपर्क कर सकते हैं और सिंगल विंडो सिस्टम आधार नम्बर प्राप्त करने के बाद पंजीकरण को आसान बनाएगा।
एमएसएमई मंत्री, श्री नितिन गडकरी ने आज नए दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा कि एमएसएमई के वर्गीकरण, पंजीकरण और सुविधा की उनकी नई प्रणाली एक अत्यंत सरल और अभी तक फास्ट-ट्रैक, सहज और विश्व स्तर पर बेंचमार्क प्रक्रिया है और कारोबार को आसान बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। ये कदम और रणनीति भी एक मजबूत संदेश देते हैं कि मंत्रालय एमएसएमई के पीछे दृढ़ता से खड़ा है जो इस समय कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।
मंत्रालय के अधिकारी इन घटनाक्रमों से खुश हैं और उनका कहना है कि मंत्रालय एक इतिहास रच रहा है। मंत्रालय के अन्य लोगों का यह भी कहना है कि यह भारतीय एमएसएमई को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय चैंपियंस बनाने की मंत्रालय की प्रतिबद्धता को पूरा करने और उन्हें अपने अवरोधों को तोड़ने और वैश्विक बाजारों पर कब्जा करने में सक्षम बनाने की दिशा में एक और कदम है।