रायपुर/28 मई 2020। कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को चुनौती दी है कि वे गंगा जल की कसम खा कर कहे कि कांग्रेस ने धान की कीमत और बोनस के लिए गंगा जल की शपथ लिया था ।प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के सदस्य और मुख्य प्रवक्ता रहे सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन सिंह गंगा जल का नाम ले कर बार बार गलत बयानी कर रहे हैं। कांग्रेस ने सिर्फ किसानों की कर्ज माफी के लिए गंगा जल को हाथ मे ले कर प्रेस के सामने प्रतिज्ञा किया था।इसकी भी जरूरत इस लिए पड़ी थी क्यो की कांग्रेस के कर्ज माफी के वायदे पर भाजपा ने झूठा भ्रम फैलाया था । उस प्रेसकांफ्रेंस का मैं खुद भी हिस्सा था ।कांग्रेस नेताओं ने कहा था राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के दस दिनों के अंदर किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मात्र तीन घण्टे के अंदर किसानों का कर्ज माफ कर दिया था।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र के सभी वायदों को गंगा जल की शपथ से जोड़ कर रमन सिंह और भाजपा गंगाजल का न सिर्फ अपमान कर रहे गंगा जल की महत्ता का मखौल भी उड़ा रहे है। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में किसानों का धान 2500 में खरीदने का वायदा किया था जिसे छत्तीसगढ़ के किसानों ने शाश्वत सत्य माना था ।कांग्रेस और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी किसानों से किये वायदे को पूरी निष्ठा से निभाया है ।सन 2018 में किसानों के धान की खरीदी 2500 में की गई ।सन 2019 में भाजपा और उसके केंद्र सरकार के तमाम अड़ंगे बाजी के बावजूद किसानों के धान की खरीदी 2500 में करने के वायदे को पूरा करने राजीव गांधी किसान न्याय योजना लागू किया गया ।न्याय योजना के माध्यम से किसानों को धान के अंतर राशि का भुगतान किया जा रहा है ।लगभग 19 लाख किसानों के खातों में 1500 करोड़ की पहली किश्त जा भी चुकी है ।जिसका लाभ रमन सिंह उनके पुत्रअभिषेक सिंह सहित सैकड़ों भाजपा नेताओं को भी मिला है।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन सिंह जब दो वर्ष के बकाया बोनस देने की मांग कांग्रेस सरकार से करते है तब यह भी स्पष्ट कर दिया करें कि वे कौन से दो वर्ष के बकाया बोनस की देने की मांग कर रहे है ? यह बताने का भी साहस दिखाए की किसानों का यह बकाया बोनस रमन सिंह और भाजपा के कार्य काल का है जो किसानों से वायदा कर के वोट हासिल कर के तीन बार सरकार चलाने के बावजूद उन्होंने नही दिया था ।