वाशिंगटन : अमेरिका और चीन के बीच की खटास को कोरोना वायरस ने और बढ़ा दिया है. अमेरिका द्वारा इस वायरस को चीनी वायरस कहे जाने के बाद विवाद और बढ़ गया था. इस पर जब कोविद-19 वायरस ने अमेरिका में अपने पैर पसारे विश्व शक्ति को धराशाही किया तो फिर अमेरिका का चीन के प्रति गुस्सा बढ़ना स्वाभिक था. अब अमेरिका चीन के पकिस्तान से बढ़ते रिश्तो को लेकर परेशान है और इस परेशानी में अमेरिका ने चीन के सका है की वह पाकिस्तान को दिए गए ‘अनुचित और उत्पीड़क’ कर्ज के बोझ को कम करे.
अमेरिका के अनुसार उसने ऐसा इस लिए कहा ताकि पाकिस्तान कोरोना महामारी के संकट के दौरान लिए गए उधार को चुकता कर सके। बता दें कि अमेरिका पहले भी चीन द्वारा पाक को दिए जा रहे कर्ज पर सवाल उठा चुका है। विदेश विभाग की कार्यवाहक सहायक मंत्री एलिस वेल्स ने कहा, हम ऐसे निवेश का समर्थन करते हैं जो वैश्विक मानकों के हिसाब से हो और पर्यावरण को बेहतर बनाता हो ताकि क्षेत्रीय लोगों को उसका लाभ हो सके।
उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि कोविड-19 जैसे संकट के समय, जब दुनिया अर्थव्यवस्था के बंद होने के नतीजों के जूझ रही है, चीन के लिए यह जरूरी है कि वह इस उत्पीड़क, बोझिल और अनुचित कर्ज के बोझ को कम करने के लिए कदम उठाए। वेल्स ने कहा कि अमेरिका को उम्मीद है कि चीन या तो कर्ज माफ करेगा या उसका पुनर्गठन करेगा।