रायपुर, कोरोना महामारी के नियंत्रण हेतु केन्द्र व राज्य सरकार के द्वारा किए गए लॉकडाउन के फलस्वरूप रोजी-रोटी के प्रबंध के लिए आर्थिक क्रियाकलाप बाधित होने के कारण अत्यंत विकट स्थिति का सामना कर रहे बस्तर जिले के तोकापाल विकासखण्ड के ग्राम तारागांव के गरीब आदिवासी किसान श्री सोमारू मूरिया के लिए राज्य सरकार की राजीव गांधी किसान न्याय योजना संजीवनी साबित हुआ है। छत्तीसगढ़ सरकार की इस जनहितैषी एवं अत्यंत महत्वाकांक्षी योजना की सराहना करते हुए किसान सोमारू ने बताया कि लॉकडाउन के कारण मेहनत-मजदूरी के कार्य लगभग बंद हो जाने के कारण उनका परिवार गंभीर मुश्किल के दौर से गुजर रहा था। उन्होंने बताया कि छोटे किसान होने तथा उनके परिवार के जीविकोपार्जन का आधार केवल खेती-किसानी और मजदूरी होने के कारण लॉकडाउन में बाहरी आय स्रोत पूरी तरह से बंद हो गया था। इस विषम परिस्थिति में उन्हें अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए सदैव चिंतित रहते थे। लेकिन मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाले छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा परिवार की मुखिया की तरह जनता की वास्तविक जरूरतों को समझते हुए ऐन वक्त पर राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से वर्ष 2019-20 समर्थन मूल्य पर धान की बिक्री करने वाले किसानों के खातों में प्रथम किश्त की राशि का भुगतान कर एक संवेदनशील तथा कुशल अभिभावक की भूमिका का निभाई है। श्री सोमारू ने बताया कि आज उसके बैंक खाते में इस योजना के माध्यम से प्रथम किश्त के रूप में 32 हजार 551 रूपए जमा हो गए हैं।
राज्य सरकार की इस लोक कल्याणकारी योजना की हृदय से सराहना करते हुए किसान श्री सोमारू ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की यह राजीव गांधी किसान न्याय योजना इस विषम परिस्थिति का सामना कर रहे उनके जैसे अनेक गरीब, खेतीहर, मजदूर, किसानों के लिए सहारा बन गया है। छत्तीसगढ़ के मुखिया एवं किसान पुत्र श्री भूपेश बघेल द्वारा राज्य के माटी पुत्रों की समस्याओं और आवश्यकता को समझते हुए उनके प्रति अपना फर्ज निभाया है। उन्होंने कहा कि इस योजना से राज्य सरकार के द्वारा लॉकडाउन के कारण उत्पन्न विपरीत स्थिति का दंश झेल रहे राज्य के किसानों के लिए बड़ी राहत साबित हुई।