रायपुर, कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के चलते अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर सकुशल वापस लाने का सिलसिला अनवरत रूप से जारी है। श्रमिक स्पेशल ट्रेनों एवं अन्य वाहनों में माध्यम से अब तक छत्तीसगढ़ के एक लाख 26 हजार प्रवासी श्रमिकों की राज्य में सकुशल वापसी हो चुकी है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अन्य प्रदेशों में फंसे श्रमिकों की सुरक्षित वापसी के लिए 53 श्रमिक स्पेशल ट्रेन प्रस्तावित है। श्रम मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया ने बताया कि छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मण्डल द्वारा रेल्वे को अब तक 28 स्पेशल ट्रेनों के परिचालन के लिए 2 करोड़ 46 लाख 84 हजार 90 रूपए का भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि 26 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से अब तक छत्तीसगढ़ के 36 हजार 586 प्रवासी श्रमिकों एवं 265 अन्य यात्रियों को वापस लाया जा चुका है।
कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए देश व्यापी लॉकडाउन के चलते अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों, छात्रों एवं चिकित्सा की आवश्यकता वाले लोगों की वापसी को लेकर राज्य सरकार द्वारा कई एहतियाती कदम उठाए गए। छत्तीसगढ़ के प्रवासी श्रमिकों एवं अन्य लोगों की वापसी के लिए ऑनलाइन पंजीयन की व्यवस्था के तहत अब तक कुल 2 लाख 84 हजार 264 लोगों ने पंजीयन कराया है, जिसमें 2 लाख 61 हजार 38 श्रमिक तथा शेष छात्र, तीर्थ यात्री, पर्यटक एवं अन्य लोग शामिल है। जिसमें से एक लाख 26 हजार श्रमिक एवं नागरिक छत्तीसगढ़ राज्य स्थित अपने गृह ग्राम वापस आ चुके हैं। छत्तीसगढ़ राज्य के भीतर अन्य जिलों में फंसे 12 हजार 246 श्रमिकों को सकुशल उनके गृह जिला भिजवाया जा चुका है। इसी तरह छत्तीसगढ़ में फंसे अन्य राज्यों के 26 हजार 975 श्रमिक वापस अपने गृह राज्य जा चुके हैं।
लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के 17 हजार 677 श्रमिकों को भोजन, राशन, चिकित्सा आदि की व्यवस्था व राहत पहुंचाने के उद्देश्य से उनके खातों में 66 लाख 73 हजार रूपए की राशि का सीधे अंतरित की गई है। छत्तीसगढ़ राज्य के नोडल अधिकारी एवं श्रम सचिव श्री सोनमणी बोरा एवं अन्य अधिकारियों द्वारा संबंधित राज्यों के अधिकारियों एवं नियोक्ताओं से लगातार सम्पर्क कर श्रमिकों की समस्याओं का निदान एवं छत्तीसगढ़ की श्रमिकों की सकुशल वापसी की व्यवस्था की जा रही है। श्रम सचिव श्री बोरा ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार राज्य में श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। लॉकडाउन के द्वितीय चरण में 20 अप्रैल के बाद से शासन द्वारा औद्योगिक गतिविधियों के संचालन हेतु प्रदत्त छूट के मद्देनजर राज्य की 1305 फैक्टरियों एवं कारखानों का संचालन शुरू किया गया, जिसके जरिए लगभग एक लाख श्रमिकों को फिर से काम मिलने लगा है। राज्य के फैक्टरियों एवं औद्योगिक संस्थानों में काम करने वाले 26 हजार 205 श्रमिकों को 36 करोड़ 98 लाख रूपए का बकाया वेतन का भुगतान कराया जा चुका है। राज्य के 62 हजार 404 श्रमिकों को निःशुल्क इलाज एवं दवाएं उपलब्ध कराई गई है। राज्य में ईएसआई के माध्यम से संचालित कुल 42 क्लीनिक संचालित है। प्रवासी श्रमिकों एवं नागरिकों की मदद के लिए राज्य स्तर पर हेल्प लाइन सेंटर संचालित है जो 24 घंटे क्रियाशील है। हेल्प लाइन नंबर 0771-2443809 एवं 91098-49992 है।