सैकड़ों किलोमीटर दूर से भूखे-प्यासे पहुंचे प्रवासी श्रमिकों को मिला छत्तीसगढ़ सरकार का सहारा

भोजन-पानी, राशन सामग्री पाकर तृप्त हुए
श्रमिक: गृह राज्य जाने बसों की हुई व्यवस्था

श्रमिकों ने माना मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का आभार

  रायपुर, 17 मई 2020/ सैकड़ों किलोमीटर दूर से भूखे-प्यासे जैसे-तैसे अपने घर जाने की आस में निकले श्रमिकों को छत्तीसगढ़ पहुंचकर ऐसा लगा मानों मंजिल ही मिल गई। छत्तीसगढ़ से गुजरने वाले श्रमिक यहां की व्यवस्था से काफी खुश है। ऑखों में आसू और ह्दय में पीड़ा लिए दो-दो, तीन-तीन दिनों से भूखे-प्सासे चलते हुए श्रमिक जब छत्तीसगढ़ पहुंचे तब इन्हें छत्तीसगढ़ सरकार और स्वयं सेवी संस्थाओं से हर प्रकार का सहयोग मिला। इन श्रमिकों ने अपनी सारी पीड़ा बिसार दी और इस मानवीय पहल को सराहते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का आभार जताया।

रायपुर शहर के टाटीबंध चौक पर पहुंचे कई श्रमिकों ने बताया कि घर पहुंचने की आस में श्रमिक चिलचिलाती धूप हो या गरजते-चमकते बादल सैकड़ों किलोेमीटर दूर देश के विभिन्न राज्यो से भूखे-प्यासे, चलते, दौड़ते, थकते किसी तरह अपनों के साथ, अपनों के पास पहुंचने सैकड़ों मजदूर अपने छोटे-छोटे बच्चों को कघों अथवा कमर में ढोते आखों में आसू, और दिल में पत्थर लेकर निकल पड़ें थे। उन्हें छत्तीसगढ़ पहुंचकर बहुत राहत महसूस हुई।

 प्रवासी श्रमिक श्री मुन्ना सिवारे और साथियों ने बताया कि वे दो-तीन दिनों से भूखे-प्यासे जैसे-तैसे अहमदनगर से अपने घर झारखंड जाने के लिए निकले है। उन्हांेने बताया कि वे मिठाई की दुकान में जलेबी बनाने का काम करते हैं। कोरोना संक्रमण के कारण घोषित लॉकडाउन से वहां फंस गए थे। जेब में कुछ पैसे थे, तब तक कुछ खा-पीकर चलते रहे, लेकिन पैसे खत्म हो जाने पर हमारी परेशानी बढ़ गई।

किसी तरह हम रायपुर शहर के टाटीबंध पहुंचे। यहां पहुंचते ही ऐसे लगा मानों सब कुछ मिल गया। यहां प्रशासन और स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा हम सबको खाने के लिए भोजन, केला, बिस्किट पानी, छाछ, पूरी-सब्जी मिली और जाने के लिए बस की व्यवस्था कराई गई। इन लोगों ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और प्रशासन का आभार जताते हुए कहा कि अब आसानी से हम सभी अपने गृह राज्य पहुंच जाएंगे।

इसी तरह श्री मोहीसुर, सूरज, अनिसुर और कासीम सहित उनके अन्य साथियों ने बताया कि वे लोग पश्चिम बंगाल जाने के लिए निकले है। नागपुर, महाराष्ट्र के रास्ते में कई प्रकार की कठिनाईयों को छेलते हुए जैसे-तैसे बड़ी मुश्किल से छत्तीसगढ़ पहुंचे हैं। छत्तीसगढ़ पहुंचतंे ही उन्हें बड़ा सकुन मिला। यहां प्रशासन द्वारा नाश्ता-पानी भोजन के इंतजाम से काफी राहत मिली है। इन श्रमिकों ने छत्तीसगढ़ सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में आकर हमें वास्तव में संवदेनशील सरकार की परख हुई है। सभी सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए। 

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ की सीमा से होकर गुजरने वाले अन्य राज्य जाने वाले प्रवासी श्रमिकों तथा अन्य राज्यों से छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में आने वाले श्रमिकों के खाने-पीने, भोजन, चिकित्सा आदि सहित उनके लिए बसों की भी व्यवस्था की गई है। इन श्रमिकों के लिए मास्क और चरण पादुका भी दी जा रही है।

छत्तीसगढ़ सरकार ने एक अहम फैसला यह भी लिया है कि राज्य के ऐसे प्रवासी श्रमिक परिवार, जिनके पास राशनकार्ड नहीं है। उन श्रमिक परिवारों को मई और जून माह का प्रति सदस्य की मान से पांच किलो खाद्यान्न निःशुल्क दिया जाएगा। छत्तीसगढ़ सरकार अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों की वापसी के लिए, जहां ट्रेनों और बसों की निःशुल्क व्यवस्था की है, वहीं राज्य के अन्य जिलों में लॉकडाउन के वजह से फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को उनके गृह ग्राम तक सकुशल पहुंचाया जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *