मोदी सरकार के पैकेज सिर्फ चंद चहेते बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए ही हैं
देश के आम आदमी गरीब मजदूर किसान ठेले वालों खोमचे वालों मध्यमवर्ग नौकरी पेशा छोटे व्यापारियों फुटकर व्यापारियों से मोदी सरकार का सरोकार पूरी तरह से खत्म हो चुका है
कोयला बिजली रक्षाउत्पादन बॉक्साइट खनन जैसी परियोजनाओं के निजी करण से अंबानी अडानी जैसों का हित है देश के आम आदमी से इन फैसलों का कोई लेना-देना नहीं है
कोयला बिजली रक्षाउत्पादन बॉक्साइट खनन का निजीकरण देशहित में नहीं है : वर्ल्यानी
रायपुर/16 मई 2020। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की आज ली गई चौथी पत्रकार वार्ता पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस संचार विभाग के सदस्य आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ और वरिष्ठ प्रवक्ता रमेश वर्ल्यानी ने कहा है कि सूट बूट वाली मोदी सरकार का असली गरीबविरोधी चेहरा आज उजागर हो गया है। कोयला बिजली रक्षाउत्पादन बॉक्साइट खनन का निजीकरण देशहित में नहीं है। करोना महामारी के इस संकट में भी मोदी सरकार का गरीब आदमी की भूख बेबसी और लाचारी से कोई सरोकार ही नहीं है।
निर्मला सीतारमण के पैकेज से गरीब मजदूर किसान का कोई भला नहीं होने वाला है ।मोदी सरकार के पैकेज सिर्फ चंद चहेते बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए ही हैं।
वर्ल्यानी ने कहा है कि देश के आम आदमी गरीब मजदूर किसान ठेले वालों खोमचे वालों मध्यमवर्ग नौकरी पेशा छोटे व्यापारियों फुटकर व्यापारियों से मोदी सरकार का सरोकार पूरी तरह से खत्म हो चुका है। कोयला बिजली रक्षाउत्पादन बॉक्साइट खनन जैसी परियोजनाओं के निजी करण से अंबानी अडानी जैसों का हित है देश के आम आदमी से इसका कोई लेना-देना नहीं है।
वर्ल्यानी ने कहा है कि आज पैकेज के नाम पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा ली गई पत्रकार वार्ता का पूरा लब्बोलुआब यह था कि करोना संकट की आड़ में देश के खनिज संसाधनों एवं सार्वजनिक उपक्रमों को निजी क्षेत्र में सौंप दिया गया। कोयला क्षेत्र में 50 कोयला खदानों की नीलामी की जाएगी। कोल इंडिया के कोल ब्लॉक भी निजी क्षेत्रों को दिए जाएंगे। 50000 करोड़ रुपए कॉल क्षेत्र के इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च किया जाएगा ।कोयला और बॉक्साइट खदानों की एक साथ नीलामी की जाएगी ताकि अलुमिनियम इंडस्ट्री के क्षेत्र में काम कर रहे बड़े प्लेयर्स को उसका लाभ मिल सके।
वर्ल्यानी ने कहा है कि रक्षा उत्पादन में भी निजी क्षेत्र की अधिकतम भागीदारी की सीमा 49% से बढ़ा कर 74% कर दी गई है। विमानन क्षेत्र में निजी करण करके एयरपोर्ट का प्रबंधन अब निजी हाथों में सौंप दिया जाएगा। बिजली क्षेत्र भी अब निजी हाथों में सौंप दिया जाएगा। अंतरिक्ष क्षेत्र में भी अब निजी उद्यमियों को प्रवेश देने की घोषणा कर दी गई है। इस प्रकार जो बुनियादी विकास के क्षेत्र हैं और सामाजिक क्षेत्र हैं उनके भी निजी करण को हरी झंडी दिखाने का काम वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज की पत्रकार वार्ता में किया है।
वर्ल्यानी ने कहा है कि सत्ता संभालते ही मोदी सरकार 2014 से इन कामों में लगी हुई थी लेकिन जनता का रुख विपरीत होने के कारण नहीं कर पाई। अब करो ना संकट की आड़ में देश के इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों के निजीकरण के काम को अंजाम दिया गया है।