सरकार चलाने और मुह चलाने में बहुत अंतर। राहत पैकेज को किसानों के लिए मायूसी भरा बताते हुए कांग्रेस प्रदेश सचिव राजेन्द्र बंजारे ने कहा किसान में आत्मनिर्भरता नहीं बल्कि आत्महत्या बढ़ने की संभावना।
रायपुर, छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव एवम पूर्व जनपद अध्यक्ष राजेंद्र पप्पू बंजारे ने केंद्र की भाजपा सरकार के द्वारा राहत पैकेज को किसानों के लिए मायूसी भरा बताते हुए कहा कि किसान आत्मनिर्भरता नही बल्कि आत्महत्या बढ़ने की संभावना है वित्त मंत्री द्वारा किसानों के लिए घोषित आर्थिक पैकेज पर श्री बंजारे द्वारा सवाल उठाते हुए कहा कि कृषि ऋण को तीन माह के आगे बढ़ाने एवं नए किसान क्रेडिट कार्ड से लोन दिए जाने के अलावा नया क्या है? हमारे नीति निर्धारकों को यह बात कब समझ में आएगी कि अगर हमारे कृषि, कृषि उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल होता तो उन्हें ऋण की आवश्यकता कहां थी। बैंक उन्हें ऋण देने में इतना नहीं हिचक रहे होते। बैंकों के पहले से ही यह राशि पड़ी है। पर नया ऋण लेकर कोई भी जोखिम उठाने की स्थिति में नहीं है।”
कांग्रेस प्रदेश सचिव राजेन्द्र बंजारे ने आगे कहा कि भारत एक गहरे आथिक संकट के जाल में फंसा है। यह आर्थिक संकट का जाल कोरोना की ही देन नहीं है, बल्कि कोरोना पूर्व का है। कोरोना संकट ने इसमें आग में घी का काम किया है। भारत में नोटबन्दी और जीएसटी से तबाह हुई अर्थव्यवस्था को मोदी सरकार द्वारा कुछ समय तक ‘मेक इन इंडिया, स्टार्ट अप, स्मार्ट सिटी, सांसद ग्राम, विदेशी निवेश, पांच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था जैसे जुमलों से ढकने की कोशिश की गई। कांग्रेस सचिव राजेन्द्र बंजारे ने कहा कि भाजपा के द्वारा जुमलो की राजनीति बहुत हो गई भाजपा लोगो को मूर्ख न बनाये, सरकार चलाने और मुह चलाने में बहुत अंतर है। पीएम मोदी 15 लाख का झूठा वादा किया और अब 20 लाख करोड़ का दावा, इस पर लोगो को विश्वासः ही नही है अबकी बार लगभग 133 करोड़ लोगों को 133 गुना बड़े जुमले की मार पड़ने वाली है। अब लोग ये नहीं पूछ रहे हैं कि 20 लाख करोड़ में कितने जीरो होते हैं बल्कि ये पूछ रहे हैं उसमें कितनी गोल-गोल गोली होती हैं। बिग जीरो साबित हुआ 20 लाख करोड़। प्रधानमंत्री जी ने मनरेगा का मजाक बनाया था, लेकिन आज संकट में मनरेगा ही ग्रामीण भारत में लोगों का मददगार बना है.।