रायपुर। लोकडाउन के चलते लाखों श्रमिक उस जगह फंस गए हैं जहां वे काम करते थे। अपने गांव, प्रदेश आने के लिए रेलवे, बस आदि की व्यवस्था न होती देख लाखों लाख श्रमिक हजारों किलोमीटर का रास्ता पैदल ही पार कर रहे हैं।
पास का प्रदेश महाराष्ट्र हो या सुदूर का तेलंगाना छत्तीसगढ़ के रायपुर सहित अनेक शहरों में ये मजदूर पैदल चलते देखें जा सकतें हैं।
रायपुर में वर्तमान में अनेक संस्थाएं जो भोजन वितरित कर रही थी ने अपने सेवा कार्य बंद कर दिए हैं लेकिन चरामेति फाउंडेशन का भोजन पैकेट वितरण का काम लगातार चल रहा है। ऐसे में इन भटकते मजदूरों को भोजन का एक सहारा चरामेति ही प्रतीत हो रहा है।
तेलंगाना से रायपुर पहुंचे ऐसे 56 लोगों को जानकारी मिलते ही तुरंत भोजन पैकेट उपलब्ध करवाये गये।चरामेति के भोजन प्रभारी श्री सुधीर शर्मा जी ने बताया कि घर पहुंचते ही फिर 25-30 भोजन पैकेट हेतु फोन आया तो खाना बनवाकर पुनः निर्धारित स्थान पर खाना पहुचाया गया।
महाराष्ट्र के करीब 40 मजदूर किसी तरह रायपुर पहुंचे थे और भनपुरी चौक पर बैठे थे। पूछने पर पता चला कि ये 100 लोग एक साथ निकले थे लेकिन पैदल चलते चलते दो-तीन ग्रुप में बंट गए।
कभी वाहन तो कभी पैदल ही चलकर नौवें दिन रायपुर पहुंचे हैं। आगे इन्हें झारखंड के गोंडा जिले तक जाना है। इन सब मजदूरों को न केवल भोजन कराया गया अपितु रास्ते में खाने हेतु एक-एक भोजन पैकेट भी साथ में दिया गया।
धीरे-धीरे करके रात दो बजे तक ऐसे करीब 600 भूखे प्यासे मजदूरों को आराम से बिठाकर, परोस कर खाना खिलाया गया। उनकी संतुष्टि हमारे लिए आशीर्वाद से कम नहीं है। ऐसे मजदूरों को आगे भी भोजन आदि की सहायता मिलती रहे इस हेतु भी चरामेति अपने स्तर पर भरसक प्रयास करती है।