ग्रामीण चाईल्ड लाइन शुरू करने के साथ रायगढ़ और दुर्ग रेल्वे स्टेशनों में चाइल्ड लाइन सेवा स्थापित करने की रखी मांग
रायपुर 06 मई 2020/ चाइल्ड लाइन-1098 की कार्यविधि के पुनर्गठन के लिए केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सुश्री देबश्री चौधुरी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में आज प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती भेंड़िया वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुई। श्रीमती भेंड़िया ने केन्द्रीय मंत्री के समक्ष शहरी क्षेत्रों में संचालित चाईल्ड लाईन सेवा के अतिरिक्त इसे ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही रायगढ़ और दुर्ग रेल्वे स्टेशनों में भी शुरू करने की मांग रखी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चाइल्ड लाइन की स्थापना और निगरानी में राज्य बाल संरक्षण समिति की भूमिका सुनिश्चित किये जाने की आवश्यकता है, इससे विभिन्न वैधानिक इकाईयों और चाईल्ड लाइन के बीच समन्वय अधिक मजबूत हो सकेगा। छत्तीसगढ़ के अतिरिक्त गोवा और मेघालय के महिला एवं बाल विकास मंत्रियों ने भी बैठक में चाइल्ड लाइन को और अधिक उपयोगी बनाने संबंधी अपनी राय रखी। बैठक में केन्द्रीय स्कूल शिक्षा, मानव संसाधन और विकास,स्वास्थ्य, मंत्रालय, अल्पसंख्यक मंत्रालय, एनसीपीआर, चाइल्ड लाइन इंडिया फाउंडेशन के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
श्रीमती भेंड़िया ने बैठक में बताया कि छत्तीसगढ़ में रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग एवं रायगढ़ जिले में चाइल्ड लाइन सेवाएं संचालित हैं,इनके क्षेत्रफल और जनसंख्या को देखते हुए इनसे लगे ग्रामीण क्षेत्रों तक तत्काल पहुंच कर सेवाएं देना कठिन हो जाता है, इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों के लिए चाइल्ड लाइन सेवाओं को स्वीकृत किया जाना आवश्यक है। छत्तीसगढ़ में वर्तमान में रायपुर और बिलासपुर रेल्वे स्टेशनों में रेल्वे चाइल्ड लाइन संचालित है। इसके अतिरिक्त दुर्ग और रायगढ़ रेल्वे स्टेशन व्यस्ततम स्टेशनों में है,यहां से पहले कई बच्चों को रेस्क्यू किया गया है। इसे देखते हुए इन स्टेशनों में रेल्वे चाइल्ड लाइन स्थापित किये जाने की आवश्यकता है।
उल्लेखनीय है कि चाइल्ड लाइन-1098 जरूरतमंद बच्चों की सुरक्षा और देखरेख और पुरर्वास के लिए 24 धंटे आकस्मिक फोन सेवा है। छत्तीसगढ़ के 23 जिलों में चाइल्ड लाइन सेवाएं उपलब्ध है, शेष 5 जिलों बालोद, बीजापुर, सुकमा, मुंगेली और पेण्ड्रा-गौरेला-मरवाही में चाईल्ड लाइन स्थापित करना प्रक्रिया में है।
केन्द्रीय राज्य मंत्री सुश्री देबश्री ने बताया कि बच्चों की सुरक्षा और सहायता के लिए चाइल्ड लाइन सेवाओं से कई संस्थानों को जोड़ने और समन्वय की जरूरत है।इससे चाइल्ड लाइन को नई दिशा मिलेगी और वह और भी अधिक सशक्त बन सकेगा। उन्होंने इसके लिए जन-जागरूकता बढ़ाने पर भी बल दिया।