मोदी सरकार छत्तीसगढ़ से विभिन्न मदो से लाखो करोड़ रु लेती है पर उस मुकाबले देती कुछ नही

*मोदी सरकार ने छत्तीसगढ़ से एक्साइज ड्यूटी, जीएसटी से 86000 करोड और कोयला सीमेंट बॉक्साइट आयरन ओर से लाखों-करोड़ों कमाई पर दिया कुछ नही


  • रायपुर/ 3 जुलाई 2023/ प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार छत्तीसगढ़ से विभिन्न मदों से लाखों करोड़ रुपया कमाती है लेकिन कमाई के मुकाबले छत्तीसगढ़ को नाम मात्र मदद करके अपने हाथों से अपनी पीठ थपथपा आती है और ढिंढोरा पिटती है मोदी सरकार ने छत्तीसगढ़ से पेट्रोल डीजल में लगे एक्साइज ड्यूटी के माध्यम से 27000 करोड रुपए जीएसटी के माध्यम से 59000 करोड रुपए एवं सीमेंट, स्टील, माइनिंग कोयला आयरन और बॉक्साइट के माध्यम से लाखों करोड़ों रुपया की कमाई की ,इंकम टैक्स के जरिये हजारों करोड़ रुपया का लाभ होता है उस एवज में छत्तीसगढ़ को मोदी सरकार ने आंशिक मात्र ही मदद की है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार अपने दम पर धान की खरीदी करती है और सेंट्रल पुल में चावल देती है उसके एवज में मोदी सरकार के द्वारा जो पैसा दिया जाता है वह भी छत्तीसगढ़ के कमाई से ही दिया जाता है सही मायने में देखा जाये तो मोदी सरकार को छत्तीसगढ़ के सरकार के द्वारा जो चावल दिया जाता है वह भी निशुल्क है क्योंकि छत्तीसगढ़ से मोदी सरकार हर साल हजारों करोड़ रुपए कमाई करती है और उसी पैसे से छत्तीसगढ़ में चावल खरीदी करती है। यानी पैसा भी छत्तीसगढ़ का धान भी छत्तीसगढ़ का और चावल मुफ्त में मोदी सरकार ले जाती है ।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि देखा जाए तो छत्तीसगढ़ में चल रहे केंद्रीय योजनाओं में केंद्र का नाम बस है उसमें लगने वाली धनराशि छत्तीसगढ़ की जनता का ही पैसा है जो कि विभिन्न मदों से केंद्र सरकार को छत्तीसगढ़ से मिलता है और केंद्रीय योजना में भी अंशदान 50 -50 एवं 60-40 प्रतिशत रखा गया है। अगर देखा जाए तो प्रदेश में चलने वाले विभिन्न केंद्रीय योजना प्रधानमंत्री सड़क योजना बागवानी मिशन प्रधानमंत्री आवास सहित जो भी केंद्रीय योजनाएं चल रही है उसमे राज्य से कमाई गई राशि का कुछ हिस्सा ही लगता है मतलब साफ है कि यदि छत्तीसगढ़ से जो केंद्र को लाखों-करोड़ों रुपया की आमदनी होती है वह छत्तीसगढ़ सरकार के खजाने में आता तो इन योजनाओं में सीधा पैसा राज्य सरकार का लगता और अब वह पैसा केंद्र के पास जाकर वापस योजनाओं में आती है तो यह माना जाए कि छत्तीसगढ़ में मोदी सरकार की केंद्रीय योजना में अंशदान नहीं है।

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