मेक इन इंडिया फेल, डिजिटल इंडिया कागज़ी, सांसदों के गोद लिए गांवों का पता नहीं पर भाजपाइयों की लफ्फाजी अनवरत जारी
रायपुर/21 जून 2023। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि बीएसएनल और एमटीएनएल को बर्बाद करके जियो का पोषण करने वाली मोदी सरकार डिजिटल इंडिया के नाम पर भी केवल ठगने का काम कर रहे हैं। वास्तविक धरातल पर पूरी तरह फ्लॉप है। विश्वसनीयता घटी है, बढ़ा है तो केवल फ्रॉड, ठगी और डेटा चोरी। डिजिटल साक्षरता और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए सक्रियता केवल कागज़ों में ही रह गया है। महामारी के दौरान मोदी सरकार ने कोविड वैक्सीनेशन के लिए राष्ट्रीय पोर्टल पर पंजीयन को अनिवार्य किया, लेकिन डाटा तक सुरक्षित नहीं रख पाए। 100 स्मार्ट सिटी, मेक इन इंडिया, सांसदों के गोद लिए गांवों का पता नहीं डिजिटल इंडिया के नाम पर भी केवल जुमलेबाजी कर रहे हैं भाजपाई। राजीव गांधी से लेकर यूपीए के दौरान मनमोहन सरकार ने टेलीकॉम सेक्टर में इंफ्रा स्ट्रक्चर को लेकर बेहतर काम किया लेकीन विगत 9 साल से मोदी सरकार ने जियो को लाभ पहुंचाने इरादतन, सरकारी उपक्रमों एमटीएनएल और बीएसएनएल को बर्बाद करने का षड़यंत्र रचा है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि ग्रामीण भारत में इंटरनेट की उपलब्धता मात्र 31 प्रतिशत है। ओकला स्पीड टेस्ट के वैश्विक सूचकांक में भारत, 134 देशों की सूची में 129वें क्रम पर है। भारत में मोबाइल इंटरनेट की गति 12 एमबी प्रति सेकेंड है जो पड़ोसी देशों से पीछे है। मोदी राज़ में देश तकनीकी क्षेत्र में भी लगातार पिछड़ते जा रहा है, पाकिस्तान में मोबाइल इंटरनेट की गति 16, नेपाल में 17.12, श्रीलंका में 19.95 एमबी प्रति सेकंड है। मोदी सरकार के विगत 9 सालों से लगातार देश की जनता से की जा रही वादाखिलाफी और तुगलती फैसलों के लिए देश की जनता से माफी मांगने के बजाय केंद्रीय मंत्री झूठी उपलब्धि गिना कर अपनी ही पीठ थपथपा रहे हैं । महंगाई, बेरोजगारी, बढ़ती असमानता और अडानी परस्त नीतियों के चलते विगत 9 साल में भूखमरी और गरीबी लगातार बढ़ रही है। देश का कर्ज़ 2014 की तुलना में तीन गुना अधिक हो चुका है। बैंक फ्रॉड और देश छोड़ने वाले लोग बढ़ते जा रहे हैं। आत्ममुग्घ भाजपाई केंद की मोदी सरकार की नाकामी पर आम जनता से माफी मांगने के बजाय झूठी उपलब्धि बता कर अपनी ही पीठ थपथपा रहे हैं।