विकास कार्यो में व्यय के मामले में छत्तीसगढ़ देश में पहला : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

छत्तीसगढ़ विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए 1625 करोड़ रूपए का तृतीय अनुपूरक बजट पारित

मुख्य बजट का आकार बढ़कर एक लाख 6 हजार करोड़ रूपए से अधिक हुआ
 
प्रदेश में सामाजिक क्षेत्र पर व्यय राष्ट्रीय औसत से अधिक

राज्य की कुल ऋण देयता जीएसडीपी का 21.68 प्रतिशत और ब्याज भुगतान राजस्व प्राप्तियों का 5.9 प्रतिशत, जो सभी राज्यों से न्यूनतम


रायपुर, छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए एक हजार 625 करोड़ 65 लाख 61 हजार 600 रूपए की तृतीय अनुपूरक अनुदान मांगे ध्वनि मत से पारित कर दी गई। इसके साथ ही मुख्य बजट और तीनों अनुपूरक बजट मिलाकर वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट का आकार एक लाख 06 हजार 413 करोड़ रूपए हो गया है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने तृतीय अनुपूरक मांगों पर सदन में चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राज्य के तृतीय अनुपूरक बजट में प्रदेश के किसानों, महिलाओं एवं बच्चों सहित सभी वर्गो के हित में प्रावधान किए गए हैं। श्री बघेल ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक की वर्ष 2019-20 की रिपोर्ट के अनुसार विकास मूलक कार्यो में व्यय की दृष्टि से छत्तीसगढ़ देश में प्रथम स्थान पर है। राज्य के कुल बजट में से 77.8 प्रतिशत व्यय विकास मूलक कार्यो पर किया जा रहा है। इसी तरह प्रदेश के बजट में से 46.1 प्रतिशत व्यय सामाजिक क्षेत्र पर किया जा रहा है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है। राज्य की कुल ऋण देयता जीएसडीपी का 21.68 प्रतिशत और ब्याज भुगतान राजस्व प्राप्तियों का 5.9 प्रतिशत है, जो सभी राज्यों से न्यूनतम है। इसी प्रकार कुल बजट में से कमिटेड व्यय मात्र 19.3 प्रतिशत है, जो की सभी राज्यों से न्यूनतम है।
मुख्यमंत्री ने तृतीय अनुपूरक बजट के मुख्य प्रावधानों की जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में प्रीमियम अंश हेतु 200 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। मुख्य बजट की राशि मिलाकर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रीमियम के लिए कुल 516 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि ट्रेक्टर व स्ट्रॉबेलर की खरीदी के लिए 2 करोड़ 87 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि फसल कटाई के बाद खेत में बचा पैरा निकालने के लिए हर विकासखण्ड में स्ट्रॉबेलर की व्यवस्था करने की योजना है। किसान खेत में बचे पैरा को जलाते हैं, इससे प्रदूषण होता है। स्ट्रॉबेलर की मदद से इस पैरे को इकठ्ठा कर गौठान में लाकर पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था की जा सकेगी। पर्यावरण प्रदूषण से बचा जा सकेगा और जमीन की उर्वरा शक्ति भी बची रहेगी। श्री बघेल ने बताया कि तृतीय अनुपूरक में दुग्ध उत्पादकों को परिवहन अनुदान के लिए 7 करोड़ 67 लाख रूपए, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय को वेतन भत्ते के लिए 10 करोड़ रूपए, अंत्योदय एवं प्राथमिक परिवारों के राशनकार्डधारियों को चना वितरण के लिए 107 करोड़ 28 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। चना वितरण के लिए मुख्य बजट की राशि मिलाकर कुल 278 करोड़ का प्रावधान किया गया है। सभी राशनकार्डधारियों को शक्कर वितरण के लिए 202 करोड़ 97 लाख रूपए तथा मुख्य बजट सहित कुल 303 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। बस्तर क्षेत्र में ग्रामीण सड़क कार्यक्रम (आरआरपी) फेस-2 के अंतर्गत 31 ग्रामीण सड़कों के निर्माण तथा नाबार्ड की सहायता से जवाहर सेतु योजना के अंतर्गत बस्तर क्षेत्र में 14 पुलों और सरगुजा क्षेत्रों में 9 पुलों का निर्माण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि तृतीय अनुपूरक में ग्रामीण आजीविका मिशन के लिए 202 करोड़ रूपए, मुख्य बजट सहित कुल 508 करोड़ रूपए, बिजली बिल आधा योजना के लिए 177 करोड़ रूपए, मुख्य बजट सहित कुल 977 करोड़ रूपए, प्रधानमंत्री सहज बिजली (सौभाग्य) योजना के लिए 35 करोड़ रूपए, एकीकृत बाल विकास योजना में बच्चों के आधार पंजीयन के लिए 9 करोड़ 90 लाख रूपए, एकीकृत बाल सेवा योजना में बच्चों के सुपोषण की निगरानी हेतु उपकरण क्रय के लिए 15 करोड़ 40 लाख रूपए, सूक्ष्म औद्योगिक इकाईयों की स्थापना के लिए लागत पूंजी अनुदान मद में 44 करोड़ रूपए, मुख्य बजट सहित कुल 119 करोड़ रूपए, औद्योगिक इकाईयों की स्थापना हेतु ब्याज अनुदान के लिए 6 करोड़ रूपए, मुख्य बजट सहित कुल 44 लाख रूपए, चौदहवें वित्त आयोग के अंतर्गत नगरीय निकायों को अनुदान के लिए 205 करोड़ रूपए और अनुसूचित जाति वर्ग के लिए अंतर्जातीय प्रोत्साहन विवाह योजना एवं जातिगत भेदभाव के आधार पर होने वाली प्रताड़ना पर आर्थिक सहायता हेतु 20 करोड़ 76 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है।

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