महासमुंद : राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा एवं बाड़ी योजना जिले के कृषकों के लिए वरदान साबित हो रही है। महासमुंद विकासखंड के आदर्श गोठान ग्राम कछारडीह, बागबाहरा के ग्राम तिलाईदादर, पिथौरा के ग्राम परसापाली एवं बसना विकासखंड के ग्राम नवागांव (गनेकेरा) मंे गोठान के साथ-साथ महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा वर्मी कम्पोस्ट खाद का निर्माण एवं विक्रय किया जा रहा है। उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक ने बताया कि महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित वर्मी कम्पोस्ट खाद को उद्यान विभाग द्वारा अब तक 119.00 क्विंटल क्रय किया गया है, जिसे डी.एम.एफ. बाड़ी के कृषकों को वितरण किया गया है। जिसकी राशि लगभग एक लाख एक हजार 150 रूपए है। महिला स्व-सहायता समूह की सदस्य इस तरह की रोजगार पाकर आत्मनिर्भर हो रही है।
डी.एम.एफ. बाड़ी कार्यक्रम के तहत् ग्राम कछारडीह के कृषक श्री नन्दुराम पटेल ने बताया की उद्यानिकी विभाग द्वारा उन्हे बाड़ी योजना के तहत् भिण्डी एवं लौकी के बीज तथा वर्मी कम्पोस्ट खाद प्रदाय किया गया है। उनकेे द्वारा लगाई गई भिण्डी की फसल वर्तमान मे दो दिन के अंतराल मे 10 से 12 किलोग्राम निकल रहा है। इसी तरह जिले मंे चार हजार बाड़ी क्रियान्वित है, जिससे प्रतिदिन लगभग 250 क्विंटल सब्जी का उत्पादन हो रहा है। बाड़ी योजना किसानों के लिए अतिरिक्त आय का साधन बन गया है। जो कि लाॅकडाउन की स्थिति में भी कृषकों के लिए लाभदायक साबित हुआ है।
इसी प्रकार बसना विकासखंड के ग्राम कलमीदादर के बाड़ी कृषक श्री अहिबरन सिदार ने बताया कि उद्यान विभाग द्वारा प्रदाय भिण्डी बीज के साथ-साथ बरबटी की फसल भी ली जा रही है। भिण्डी दो दिन के अंतराल मे 18 से 20 किलोग्राम एवं बरबटी प्रतिदिन 3 किलोग्राम निकल रहा है। जिससे उन्हें प्रतिदिन अच्छी आमदनी हो रही है। बाड़ी कृषकों को विभागीय मैदानी अमलें के द्वारा समय-समय पर तकनीकी मार्गदर्शन दिया जा रहा है, जिससे कि किसान आत्मनिर्भर होकर सफलतापूर्वक सब्जी उत्पादन का कार्य कर रहे हैं।