प्रदेश में गर्मियों में पेयजल की नहीं होगी कोई समस्या: मंत्री गुरू रूद्रकुमार

40 हजार गरीब परिवारों को निःशुल्क नल-जल कनेक्शन

सुपेबेड़ा में जल्द शुरू होगी समूह जल प्रदाय योजना

ग्रामोद्योग से 1.87 लाख लोगों को मिल रहा रोजगार

समूह की महिलाओं द्वारा 2.80 लाख सूती और खादी के मास्क की आपूर्ति

गुरू रूद्रकुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दी जानकारी

रायपुर, 28 अप्रैल 2020/ छत्तीसगढ़ में पेयजल की माकूल व्यवस्था है। गर्मियों के दिनों में लोगों को पेयजल के लिए किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। ग्रामीण क्षेत्रों एवं पहुंचविहीन क्षेत्रों में भी पेयजल के लिए बोर खनन की पूरी तैयारी कर ली गई है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी और ग्रामोद्योग मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने आज अपने निवास सतनाम सदन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीडिया प्रतिनिधियों को जानकारी देतेे हुए बताया कि मिनीमाता अमृत धारा नल-जल योजना के तहत प्रदेश के 40 हजार 831 बीपीएल परिवारों को निःशुल्क नल-जल कनेक्शन दिया गया है।
मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशों के अनुरूप प्रदेश में पेयजल की आपूर्ति के लिए सभी विधायकगणों से 15-15 गांव की सूची मंगाई गयी थी। सूची के आधार पर 1230 नल-जल योजना की स्वीकृति दी जा चुकी है। इसके अलावा स्कूलों, आंगनबाड़ी और उप स्वास्थ्य केन्द्रों सहित अन्य स्थानों पर जहां बोर की जरूरत होगी, उसके लिए 8 हजार नये नलकूप की तैयारी कर ली गई है। बोर खनन के लिए आवश्यकता के अनुसार निजी बोर खनन का भी सहयोग लिया जाएगा, साथ ही इन संस्थाओं में रनिंग वाटर सप्लाई की भी व्यवस्था भी की जा रही है। उन्होंने बताया कि राज्य की महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत बने गौठानों में भी 2 हजार बोर खनन की तैयारी कर ली गई है। उन्होंने आश्वस्त किया कि राज्य में ग्रीष्मकाल के दौरान भू-जल स्तर पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर है और पेयजल संकट जैसी स्थिति निर्मित नहीं होगी।
मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने बताया कि किडनी रोग से प्रभावित ग्राम सुपेबेड़ा में तेल नदी पर आधारित समूह जल प्रदाय योजना जल्द शुरू की जा रही है और आस-पास के छह गांव भी इस योजना से लाभांन्वित होंगे। दुर्ग जिले चन्दखुरी एवं आसपास के 26 ग्रामों के लोगों को लाभांन्वित करने 55.31 करोड़ लागत की चन्दखुरी जलप्रदाय योजना स्वीकृति हेतु विचाराधीन है, साथ ही गिरौधपुरीधाम एवं आसपास के 10 ग्रामों के लिए समूह जलप्रदाय योजना प्रारंभ की गई। उन्होंने बताया कि ग्रामोद्योग विभाग से सम्बद्ध हाथकरघा, रेशम, हस्तशिल्प एवं माटीकला बोर्ड के जरिए 1.87 लाख लोगों को रोजगार मिल रहा है। राज्य में 12 हजार 600 करघों के माध्यम से 40 हजार पंजीकृत बुनकरों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। इन बुनकरों के द्वारा तैयार कपड़ों की आपूर्ति विभिन्न शासकीय विभागों में की जा रही है। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी से बचने के लिए स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा सूती और खादी कपड़ों से निर्मित 2.80 लाख से ज्यादा मास्क की आपूर्ति लॉकडाउन के दौरान की गई है। समूह की महिलाओं द्वारा मास्क निर्माण की प्रक्रिया सतत् चल रही है।
इस अवसर पर ग्रामोद्योग विभाग की प्रमुख सचिव डॉ. मनिंदर कौर द्विवेदी, सचिव श्री हेमंत पहारे, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव श्री अविनाश चंपावत और प्रमुख अभियंता श्री टी.जी. कोसरिया सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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