दलाली के दलदल में गिरती पत्रकारिता और वसूली के लिए चल रही दुकानों पर लगाम कौन लगयेगा?.

कोरिया, इन दिनों समाज का चौथा स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकार का स्तर इतना गिर गया है कि लोग पत्रकार का नाम सुनते ही नाक भौ सिकोड़ते नज़र आते है मानो पत्रकार कोई अन्य ग्रह का प्रणि हो इन दिनों चिरिमिरी के कुछ चंद चटुखोर पैसा न मिलने की सूरत पर भोलेभाले और साफ सुथरी छवि के अधिकारियों की छवि को धूल धुसित करने पर तुले हुए है अपनी छवि को धूमिल होते देख अधिकारी अकसर इस तरह के ईमानखोरो के झांसे में आ जाते है और न चाहते हुए भी इन दलाल टाइप के लोगो को पैसा दे देते है कभी पंद्रह अगस्त और छब्बीस जनवरी के विज्ञपन तो कभी अपनी निजी जरूरतों के लिए ये बहरूपिया पत्रकार पैसा ऐंठ रहा है बीते दिनों वन विभाग के एक बड़े अधिकारी की छवि धूमिल करने के एवज में मोटी रकम डरा धमका कर वसूल कर चुका है। आपको बता दे कि इस तरह की ओछी हरकतों की ही वजह से पत्रकार जो कि समाज मे एक सम्मानित दर्जा रखता है आज उसे ही कुछ दलाल और घटिया टाइप के लोग बदनाम कर रहे है इनका धंधा ही धान खरीदी केंद्र सरपंच और पांचों को डरा धमका कर रुपए ऐंठना भर रहा गया है पुलिस अधीक्षक महोदय से आग्रह है कि इस तरह की संदिग्ध गतिविधि में संलिप्त पत्रकारों पर कड़ी कार्यवाही करने का समय निर्धारित करें ताकि भविष्य में फिर कभी पत्रकारिता के इस पेशे को कलंकित न कर सके। और आम जानो से भी विनम्र आग्रह है कि इस तरह के बैलक्मेलरो से सावधान रहें और यदि वो आप को पत्रकार बन कर डरा धमका रहा है तो उसके विरुद्ध पुलिस में शिकायत करें और दलालों पर लगाम लगाए इस तरह की निम्नस्तरीय और घटिया मानसकिता वाले लोग पत्रकार बन कर पूरी पत्रकार बिरादरी को कलंकित कर रहे है तो समाज के अच्छे और ईमानदार पत्रकारों की भी एक नैतिक जिम्मेदारी है कि इन नकाबपोशों को बेनकाब करे और पत्रकारिता के पेशे को कलंकित होने से बचाया जा सके

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