बजरंगी होने का मतलब भगवान बजरंग बली होना नहीं अरूण साव माफी मांगे
भगवा सर्वोच्च त्याग का प्रतीक भाजपाई बताये वे किस नैतिकता से पहनते है?
रायपुर/ 20 दिसंबर 2022। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा उठाये गये सवाल कि भगवा सर्वोच्च त्याग का प्रतीक है। बजरंगी और भाजपाई किस नैतिकता से भगवा पहनते है? प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा में साहस हो तो इस सवाल का जवाब दे। बजरंगी और भाजपाई तथा संघियो ने ऐसा क्या त्याग किया है वे किस नैतिकता से भगवा पहनकर आतंक फैलाते है? भगवा सनातन हिन्दू धर्म में संत महापुरूष योगी जन भगवा धारण करते है तथा अपने आचरण से भगवा धारण की सार्थकता भी सिद्ध करते है। सनातन धर्म में भगवा धारण करने के बाद मनुष्य अपने स्व को भूलकर खुद को संपूर्ण मानव मात्र के लिये अर्पित कर देता है। भगवा धारी के लिये उसका कुटुम्ब परिवार सम्पूर्ण मानव जाति हो जाता है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपाई, संघी, बजरंगी भगवा पहनकर उसकी विराटतता और उद्देश्य को संकुचित करने का प्रयास करते है। वे भगवा पहनकर धार्मिक विद्वेष भड़काते है जो हिन्दु धर्म की व्यापकता को और सर्व स्वीकार्यता पर प्रहार है। जो भगवा शांति और भाईचारे का प्रतीक है भाजपाई उसको वैमनस्यता की पर्याय बनाते है। भाजपाई भगवा धारण करने के बाद अपने आचरण से पवित्र भगवा रंग उसकी पवित्रता को भंग करने का प्रयास करते है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष अरूण साव बजरंगियो के आचरण पर सवाल खड़ा करने को भगवान बजरंग बली से जोड़कर भगवान बजरंग बली का अपमान कर रहे। अरूण साव अपने राजनैतिक स्वार्थ के लिये हिन्दूओं के आराध्य को बजरंग बली को अपने अनुषांगिक संगठन के लोगो से तुलना करने के लिये देश के हिन्दुओं से माफी मांगे। बजंरगी होने का मतलब भगवान महावीर हनुमान होना नही होता। अरूण साव बजरंगीयो को भगवान बताने की धृष्टता मत करें।