लंदन की शोध छात्रा ने ’गढ़बो डिजिटल छत्तीसगढ़’ को सराहा : खुद की खुशी, सफलता की कुंजी- उमेश उपाध्याय

रायपुर, प्रदेश के शहरों में संचालित ई-साक्षरता केन्द्रों के माध्यमों से दिए जा रहे डिजिटल साक्षरता प्रशिक्षण से ब्रूनेट यूनिवर्सिटी लंदन से अनुसंधान करने आई शोधार्थी पेगी फ्रायार काफी प्रभावित हुई हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के ग्रामीण इलाकों में प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में अपने काम के अनुभव के बारे में बताते हुए इसे एक नवाचारी कार्यक्रम बताया है।

    जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री उमेश कुमार उपाध्याय ने गढ़बो डिजिटल छत्तीसगढ़ कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला में शामिल प्रतिभागियों से कहा कि जिस काम को करने से स्वयं को खुशी मिले वही जीवन के सफलता की कुंजी है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) के द्वारा प्रदेश के सभी लोगों को कानूनी सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि इसके लिए टोल फ्री नंबर 15100 से जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इस टोल फ्री नंबर पर कही से भी फोन करके कानूनी सहायता प्राप्त की जा सकती है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ में यह सेवा की शुरुआत की जा रही है। श्री उपाध्याय ने कहा कि आज के समय में मोबाइल एक ऐसा माध्यम है जो हमारे जीवन को सुलभ सहज तो बनाता है, लेकिन इसी मोबाइल के समुचित उपयोग नही होने पर या सदुपयोग करने के प्रति जागरूक नही होने के कारण सामाजिक, पारिवारिक और व्यक्तिगत बहुत नुकसान देखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि सफल जीवन के लिए अपने कृतित्व में निखार लाएं ताकि आपका व्यक्तित्व निखर कर आए।
         गढ़बो डिजिटल छत्तीसगढ़ कार्यक्रम के नोडल अधिकारी श्री प्रशांत कुमार पाण्डेय ने व्यक्तित्व विकास के पहलुआंे से परिचय कराते हुए जीवन के समग्र विकास की जानकारी दी। समग्र शिक्षा के सहायक संचालक डॉ. एम सुधीश ने जीवन कौशल के अंतर्गत जीवन जीने के सकारात्मक पहलुआंे को समझाया। रूम टू रीड के श्री प्रभात जायसवाल ने गढ़बो डिजिटल छत्तीसगढ़ कार्यक्रम की सराहना करते हुए इसे दूरगामी नवाचारी कार्यक्रम बताते हुए कहा कि पालक यदि डिजिटल साक्षर हो जाएंगे तो बच्चों को भी पढ़ाई में मदद मिलेगी। यूनिसेफ के आईटी एक्सपर्ट श्री मिथुन विश्वास के द्वारा मोबाइल के सभी पहलुआंे का परिचय कराते हुए उसके ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में जानकारी दी गई। सहायक संचालक श्री दिनेश टांक ने श्रेष्ठ पालकत्व के महत्व को बताया। प्रतिभागियों को स्कूल शिक्षा विभाग में क्रियान्वित हो रहे ऑनलाइन दीक्षा एप्प के बारे में राकेश कुमार के द्वारा बताया गया। कार्यक्रम में डॉ. कामिनी बावनकर, श्री लोकेश कुमार वर्मा, चंद्रिका वर्मा, श्री अलंकार उपाध्याय उपस्थित रहे।

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