कोरोना संक्रमण संकट के काल में राज्य सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता लोगों को राहत पहुंचाना: राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल

राज्य आपदा मोचन निधि से कोविड-19 की रोकथाम हेतु स्वास्थ्य विभाग को 60 करोड़ रूपए दिए गए

रायपुर,  प्रदेश के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा है कि कोरोना संक्रमण संकट के काल में राज्य सरकार  की सर्वाेच्च प्राथमिकता लोगों को राहत पहुंचाना है। श्री अग्रवाल आज मीडिया प्रतिनिधियों से वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से चर्चा की। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में कोरोना महामारी को नियंत्रित करने में छत्तीसगढ़ सफल रहा है। छत्तीसगढ़ के कोरोना प्रबंधन को रिजर्व बैंक के गवर्नर सहित पूरे देश में सराहना मिल रही है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में राज्य सरकार द्वारा त्वरित निर्णय लिए गए। राज्य में कोरोना पाजिटिव का पहला केस मिलते ही रायपुर में प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की गई। उन्होंने बताया कि कोरोना नियंत्रण और रोकथाम के लिए किए गए देशव्यापी लाॅकडाउन से प्रभावित लोगों के लिए राज्य के सभी जिलों में शिविर लगाकर उन्हें राहत पहंुचाई गई।  
श्री अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा 466 अस्थाई राहत शिविरों में 9 हजार 904 व्यक्तियों को रखा गया है। इसी तरह एनजीओ द्वारा 36 राहत शिविरों में 472 व्यक्तियों को ठहराकर उनके लिए भोजन और अन्य आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की गई। जिला प्रशासन की ओर से प्रतिदिन करीब एक लाख लोगों की भोजन की व्यवस्था कराई जा रही है। इसी तरह प्रदेश की औद्योगिक इकाईयों द्वारा 31 हजार 484 मजदूरों को अस्थाई आवास की व्यवस्था कर उनके भोजन आदि की व्यवस्था की जा रही है।   
आपदा प्रबंधन मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल ने बताया कि आपदा प्रबंधन के तहत विभाग ने नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) के बचाव एवं राहत कार्य के लिए भारत सरकार गृह मंत्रालय के निर्देश के अनुसार राज्य आपदा मोचन निधि के मद एवं मापदंडों में सम्मिलित करते हुए सैंपल कलेक्ट करने एवं प्रभावित व्यक्तियों को आईसोेलेशन किए जाने के लिए राज्य आपदा मोचन निधि की प्रावधान राशि का 25 प्रतिशत एवं उपकरण तथा प्रयोगशाला स्थापित करने हेतु 10 प्रतिशत व्यय किए जाने की स्वीकृति स्वास्थ्य विभाग को प्रदान की गई है। 
विभाग द्वारा मार्च 2020 में 15 करोड़ रूपए स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध कराया गया है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में राज्य आपदा मोचन निधि के अंतर्गत 321.20 करोड़ का बजट प्रावधान है। जिसका 25 प्रतिशत तथा 10 प्रतिशत कुल 35 प्रतिशत 112.42 करोड़ होता है, जिसके विरूद्ध स्वीकृत बजट से 60 करोड़ रूपए स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करा दिए गए हैं।  
आपदा प्रबंधन मंत्री श्री अग्रवाल ने बताया कि साउथ ईस्टर्न कोलफीड्स लिमिटेड बिलासपुर द्वारा नोवेल कोरोना वायरस कोविड-19 की रोकथाम हेतु सीएसआर मद से राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को 10 करोड़ रूपए की सहायता देने की सहमति व्यक्त की गई है। उन्होंने बताया कि राजस्व विभाग द्वारा राज्य के सभी जिलों में कोरोना नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए देशव्यापी लाॅकडाउन के तहत प्रभावित गरीबों, मजदूरों सहित अन्य प्रभावित जरूरतमंद लोगों को राहत पहुंचाने, राहत कैंप लगाए गए हैं। प्रभावितों को भोजन, शुद्ध पेयजल और चिकित्सा सुविधा सहित उनके जरूरत की अन्य चीजें उपलब्ध कराई जा रही है। 
उन्होंने बताया कि कोरबा जिले के कटघोरा में कोरोना पाजिटिव मरीजों का त्वरित इलाज किया गया। ज्यादातर मरीज स्वस्थ्य हो गए हैं तथा उन्होंने शीघ्र ही इलाजरत मरीजों के स्वस्थ्य होने की कामना की। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर कटघोरा में डाॅक्टरों की टीम भेजी गई और मरीजों का टेस्ट कर उनका शीघ्र इलाज चालू किया गया। आपदा प्रबंधन मंत्री ने मीडिया प्रतिनिधियों को बताया कि राज्य में किसानों को पिछले दिनों बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से जो नुकसान हुआ है ऐसे सभी किसानों को नियमानुसार क्षतिपूर्ति राशि प्रदान की जा रही है। इसी तरह से उन्होंने बताया कि प्रदेश में अतिक्रमण के प्रकरणों में नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। राजस्व मंत्री ने बताया कि राज्य के पंजीयन कार्यालय लाॅकडाउन के तहत केन्द्र शासन की गाईडलाइन के अनुसार शुरू किए जाएंगे।

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