वाराणसी स्‍पेशल ड्रोन का इस्‍तेमाल करते हुए कोविड-रोगाणुनाशन

वाराणसी : वाराणसी में कोविड-19 के रोगाणुनाशन के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए ड्रोन का इस्‍तेमाल करते हुए अग्नि मिशन, और इन्वेस्ट इंडिया के बिजनेस इम्युनिटी प्लेटफ़ॉर्म (बीआईपी) के जरिये भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) का कार्यालय, इन्वेस्ट इंडिया, भारत की राष्ट्रीय निवेश संवर्द्धन एजेंसी मिलकर काम कर रहे हैं।

सरकार की कोविड-19रणनीति दुनिया की सर्वश्रेष्‍ठ कार्य प्रणालियों में से एक है: जो कोविड-19 संक्रामक बीमारे लगने की संभावनाओं को कम करते हुए भारतीयों की इस बीमारी से रक्षा कर रही है। इसे हासिल करने के लिए स्थानीय क्षमताओं को बढ़ाने के लिए, सरकार प्रौद्योगिकी की ताकत का लाभ उठा रही है।

ड्रोन इसका जवाब हैं। ड्रोन का इस्‍तेमाल करते हुए, अधिकारी बड़े, भीड़ भरे, संवेदनशील शहरी क्षेत्रों पर कीटाणुनाशक स्प्रे कर सकते हैं: इससे अग्रणी कार्यकर्ताओं को सुरक्षित रखने के लिए मानव संपर्क को कम करते हुए शहर के निवासियों की कोविड-19 से रक्षा की जा सकती है।

चेन्नई स्थित ड्रोन स्टार्टअप, गरुड़ एयरोस्पेस की मदद करते हुए इस तरह के रोगाणुनाशन में वाराणसी की दिलचस्‍पी के जवाब में: टीम ने केन्‍द्र, राज्य और स्थानीय सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर काम किया, ताकि गरुड़ की टेक्‍नोलॉजी और कर्मियों को वाराणसी तक पहुँचाया जा सके। टीम ने इस अभ्यास के प्रत्येक चरण की निगरानी की और उसे सहयोग दिया: इससे कोविड-19 से लड़ने के लिए सरकार और अविष्कारकर्ताओं को सहयोग करने में मदद मिली है।

वाराणसी में ड्रोन का संचालन अभी शुरू हुआ है। टीम अब पूरे भारत के कुछ और शहरों में इसी तरह की क्षमताओं का विस्तार करेगी।

यह कोविड-19 के खिलाफ भारतीय अधिकारियों की लड़ाई को मजबूत करने के लिए, सरकार- अविष्कारकर्ताओं के सहयोग के माध्यम से नवीन प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है।

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