रायपुर, राज्य सरकार द्वारा लॉकडाउन के दूसरे चरण में कुछ शर्तों के साथ महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के कार्यों को शुरू करने के मंजूरी दी गई है। इसके तहत दन्तेवाड़ा जिले के चारों विकासखण्ड दंतेवाड़ा, गीदम, कटेकल्याण एवं कुआकोण्डा के ग्राम पंचायतों में मनरेगा के 176 कार्य प्रारंभ हो गए हैं। गांव में कार्य करने के लिए बड़ी संख्या में मजदूर आ रहे हैं। अब तक जिले में 94 हजार 893 मानव दिवस सृजित किया जा चुका है, जिसमें 39 हजार 435 परिवार पंजीकृत हुए हैं।
मई, जून की भीषण गर्मी को ध्यान में रखते हुए में जिले में जल संवर्धन तथा पानी के किल्लत से निपटने 37 डबरी, 48 तालाब और 3 कुओं का काम चल रहा है। इसके अतिरिक्त 15 प्रधानमंत्री आवास योजना कार्य, 69 भूमि समतलीकरण कार्य, एक उद्यान रोपण कार्य, दो आंगनबाड़ी निर्माण कार्य और एक मिट्टी सड़क निर्माण कार्य किये जा रहे हैं।
मनरेगा के सभी मजदूरों को मॉस्क बांटा गया है और उन्हें मास्क लगाकर काम करने की समझाइश दी गयी। जहां भी मनरेगा का कार्य चल रहे हैं, वहां मजदूरों को फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करने के साथ ही कार्य स्थल पर साबुन और पानी रखा गया है, ताकि वे थोड़ी-थोड़ी देर में हाथ धो सके। मजदूरों को एक दूसरे के बीच कम से कम एक मीटर का फासला रख कर कार्य करने के निर्देश दिये गए। जो मजदूर कार्य कर रहे हैं, उन्हें सप्ताह भर बाद मजदूरी प्रदान कर दी जाएगी। लॉकडाउन के दौरान रोजगार के अभाव में निराश होने वाले मजदूरों के चेहरे खिल गए। अब उन्हें आशा जग गई है कि जीवन व्यतीत करने में आर्थिक संकट के दौर से नहीं गुजरना पड़ेगा। मजदूरों का कहना था कि निःशुल्क राशन के अलावा घर का खर्च चलाने के लिए काम भी जरूरी है।